कई दिनों से चल रहे विवाद के बाद रविवार को जब समाजवादी पार्टी के बड़े नेता लखनऊ में जुटे तो आरोप-प्रत्योराप का सिलसिला आगे बढ़ा। बैठक में कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए सीएम अखिलेश यादव अपना पक्ष रखते-रखते भावुक हो गए तो चाचा श्ािवपाल का गला भी रूंध गया। हालांकि इसके बावजूद दोनों ने अपनी-अपनी शिकायतें नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के सामने रखीं। अखिलेश ने कहा कि ”अगर नेताजी ने मुझसे इस्तीफे के लिए कहा होता तो मैंने कब का दे दिया होता।” उन्होंने बैठक में सबके सामने इस्तीफे की पेशकश भी कर दी। उन्होंने अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, ”जब अमर सिंह ने कहा कि नवंबर तक अखिलेश यूपी में सीएम नहीं रहेंगे, तो मुझे तकलीफ हुई थी। रामगोपाल जी ने ऐसा नहीं कहा।” इसके बाद बोलने आए शिवपाल ने सीधे अखिलेश से सवाल किए। उन्होंने पूछा- ‘मुझसे विभाग क्यों छीने गए, नेताजी के साथ क्या मेरा योगदान नहीं? मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि मैंने उनका कौन सा आदेश नहीं माना था। मैंने उनका हर आदेश माना है। सीएम बताएं कि क्या मैंने अच्छा काम नहीं किया?’
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विक्रमादित्य मार्ग स्थित मुख्यालय पर बोलते हुए शिवपाल ने संघर्ष के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा- ‘नेताजी जानते हैं कि मैंने पार्टी को उठाने में कितनी मेहनत की है। गांव-गांव साइकिल से घूमा, लोगों से मिला। नेताजी आप जानते हैं हम जनता के बीच रहते हैं। हम पार्टी में मलाई खाने लोग नहीं है, हम मेहनत करते हैं।” शिवपाल ने अखिलेश के नई पार्टी बनाने की बात कहने की भी पुष्टि की। उन्होंने कहा, ”अखिलेश ने हमसे कहा था कि वह नई पार्टी बनाएंगे। मैं कसम खाकर कहता हूं कि उन्होंने ऐसा कहा था।” मुलायम की ओर इशारा कर शिवपाल ने कहा, ”पार्टी से दलालों को बाहर किया जाए। हमें उनकी कोई जरूरत नहीं। सबको 2017 चुनाव के लिए जीतोड़ मेहनत करनी है। जो लोग सपा को कमजोर करने के लिए काम करते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हम फिर से नेताजी के खून-पसीने से सरकार बनाएंगे।”
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अखिलेश द्वारा अमर सिंह को निशाने पर लिए जाने के बाद शिवपाल ने उनका बचाव किया। शिवपाल ने कहा- ”2003 में अमर सिंह की वजह से सरकार बनी। कुछ लोग अमर सिंह के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं।”