गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 5 दिनों में कम से कम 60 बच्चों की मौत हुई है। जिसे देखते हुए यूपी सरकार ने मेजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। बाल चिकित्सा केंद्र में बच्चों की मौतों के लिए इंफेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन अस्पताल और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण मानने से इनकार किया है। संयोग से, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था और बाल चिकिस्ता केंद्र निरीक्षण किया था। यही नहीं उन्होंने 10 बेड वाले आईसीयू, 6 बेड वाले क्रिटिकल केयर यूनिट का उद्धाटन किया था तथा जापानी एन्सेफलाइटिस वायरस से ग्रस्त बच्चों के वार्ड का दौरा किया। इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़का।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से शुक्रवार को मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक एनआईसीयू (नवजात शिशु देखभाल इकाई), एईएस, गैर-एईएस श्रेणी में 7 अगस्त से अब तक 60 मौतें हुई हैं। सरकार ने इस बात को खारिज कर दिया है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से किसी की मौत हुई है।
August 7: 9 (4 NICU, 2 AES, 3 non-AES)
August 8: 12 (7 NICU, 3 AES, 2 non-AES)
August 9: 9 (6 NICU, 2 AES, 1 non-AES)
August 10: 23 (14 NICU, 3 AES, 6 non-AES)
August 11: 7 (3 NICU, 2 AES, 2 non-AES)
गोरखपुर के डीएम राजीव रॉतेला ने कहा, “रौतेला ने पिछले दो दिन में हुई मौतौं का ब्यौरा देते हुए बताया कि ”नियो नेटल वार्ड” में 17 बच्चों की मौत हुई जबकि ”एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिन्ड्रोम यानी एईएस” वार्ड में पांच तथा जनरल वार्ड में आठ बच्चों की मृत्यु हुई। उन्होंने बताया कि कल मध्यरात्रि से अब तक नियो नेटल वार्ड में तीन, एईएस वार्ड में दो और जनरल वार्ड में दो बच्चों की मौत हुई। शेष 23 मौतें नौ अगस्त की मध्यरात्रि से कल यानी दस अगस्त मध्यरात्रि के बीच हुईं । इस सवाल पर कि क्या ये मौतें आक्सीजन की कमी की वजह से हुईं, रौतेला ने कहा कि उन्हें मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया है कि आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। रौतेला ने बताया कि मेडिकल कालेज में लिक्विड आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पड़ोस के संत कबीर नगर जिले से वैकल्पिक व्यवस्था की गयी थी। उन्होंने बताया कि इस समय 50 आक्सीजन सिलिण्डर हैं और जल्द ही सौ से डेढ़ सौ और सिलिण्डर पहुंच रहे हैं। इस सवाल पर कि क्या आक्सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म ने लगभग 70 लाख रूपये बकाये का भुगतान ना किये जाने पर आपूर्ति रोक दी थी, उन्होंने कहा कि अस्पताल को आक्सीजन आपूर्ति करने के लिए कंपनी को आंशिक भुगतान कर दिया गया था ।
60 kids died since 7 Aug. Yogi visited hospital on 9 Aug, but did nothing. This is criminal negligence by man who is UP CM & #gorakhpur MP https://t.co/Blr4IY3RyT
— Aditya Menon (@AdityaMenon22) August 11, 2017
#Gorakhpur भक्तों की भक्ति तो देखिए अच्छा काम हुआ तो योगीजी वाह योगीजी, और अब हादसा हुआ तो नौकरशाही की मनमानी। कहा से लाते हो इतना चू…..
— Nishant Mishra (@mishranishant_) August 12, 2017
The deaths in Gorakhpur should be treated as murder. They were the result not of a natural disaster, but of choices deliberately made. 1/
— Tony Joseph (@tjoseph0010) August 12, 2017
@BJPLive Oxygen from Cow didn’t work at #Gorakhpur.They ve killed those kids. @PMOIndia should intervene & impose Presidential rule in UP
— MathewM Alex (@mathewmlplalex) August 12, 2017
Deeply pained and shocked over death of 30 kids in #Gorakhpur hospital due to sheer negligence of officials CM @myogiadityanath must act
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) August 11, 2017
So Gorakhpur kids needed oxygen n medicines,not Vande Mataram!
— nikhil wagle (@waglenikhil) August 11, 2017
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पीटीआई—भाषा को बताया कि बच्चों की मौत अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस बात का पता लगाने के लिए जांच समिति का गठन करेगी कि कहीं कोई लापरवाही तो नहीं हुई है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उसे जवाबदेह बनाया जाएगा। सात अगस्त से अब तक हुई मौतों का ब्यौरा देते हुए सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज के पीडियाट्रिक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस अवधि में 60 बच्चों की विभिन्न रोगों से मृत्यु हुई है । सिंह ने भी कहा कि आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं।