बरेली में 14 साल की एक बलात्कार पीड़ित लड़की का सरकारी हॉस्पिटल वालों ने मेडिकल टेस्ट नहीं किया। उनका कहना था कि डॉक्टर सरकारी काम में बिजी हैं। वह लड़की प्रेग्नेंसी की एडवांस स्टेज पर है और जल्द से जल्द मेडिकल जांच करवाना चाहती है। लड़की के पिता के मुताबिक, वे लोग बरेली के महाराणा प्रताप जिला अस्पताल में घंटों इंतजार करते रहे। पिता ने बताया कि यह घटना मंगलवार (6 सितंबर) की है। पिता ने कहा, ‘हमें सीएमओ (सर्टिफिकेट मैनेजमैंट) के ऑफिस के बाहर इंतजार करने को कहा गया। इंतजार करते-करते शाम हो गई और फिर हमें गुरुवार को आने के लिए कह दिया गया।’
दरअसल, लड़की 32 हफ्ते की प्रेग्नेंट है और कोर्ट ने उसे गर्भपात करवाने की इजाजत देने से मना कर दिया है। लेकिन अगर यह प्रूफ हो जाए कि बच्चे की वजह से मां की जान को खतरा है तो कोर्ट इस बात की इजाजत दे देता है। हालांकि, इसके लिए डॉक्टरों की टीम से इजाजत लेनी होती है। वही इजाजत लेने के लिए लड़की और उसके पिता हॉस्पिटल गए थे लेकिन चीफ डॉक्टर बिजी थे। मिली जानकारी के मुताबिक, चीफ मेडिकल ऑफिसर विजय यादव उस वक्त ‘तहसील दिवस’ के कार्यक्रम की तैयारियां कर रहे थे। पिता का आरोप है कि उन्होंने किसी और डॉक्टर को भी टेस्ट करने की इजाजत नहीं दी। लड़की को एक शख्स ने शादी का झांसा देकर कई बार अपनी हवस का शिकार बनाया था। लेकिन उसके प्रेग्नेंट होने के बाद वह उसे छोड़कर भाग गया।
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