भारत में इस्लामिक स्टेट का मॉड्यूल चलाने के आरोप में जांच एजेंसी एनआईए ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की हैं। इनमें से एक है, मुफ्ती सुहेल, जिसे इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। एजेंसी ने सुहेल के कथित सहयोगी मोहम्मद इरशाद को भी गिरफ्तार किया है। इरशाद एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर है, जो यहां के काजीजादा कॉलोनी में रहता है। एनआईए के अफसरों के मुताबिक, इन दोनों के अलावा 8 अन्य लोगों को अमरोहा, हापुड़ और दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया गया है। इन पर हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम नाम के संगठन के हिस्सा होने और इस्लामिक स्टेट से जुड़ने का आरोप है।  इन पर देश भर में आतंकी हमले करने की साजिश रचने का आरोप है। इनके पास से हथियार, विस्फोटकों के अलावा एक देसी रॉकेट लॉन्चर भी बरामद किया गया है।

मुख्य आरोपियों में सईद और रईस अहमद नाम के दो भाई भी शामिल हैं। दोनों अमरोहा में अलग-अलग वेल्डिंग की दुकानें चलाते हैं। गुरुवार को दोनों दुकानें सील कर दी गईं। दावा किया जा रहा है कि इन दोनों दुकानों से एनआईए ने अधिकतर विस्फोटक (बारूद, सल्फर, पोटेशियम क्लोरेट) और रॉकेट लॉन्चर बरामद किया है। रईस की वर्कशॉप के आसपास के दुकानदारों का कहना है कि वह गन्ने ढोने वाले ट्रॉलियों की मरम्मत करता था। वहीं, उसके पिता हबीब का दावा है कि एनआईए जिस रॉकेट लॉन्चर की बात कर रही है, वह ट्रॉली में इस्तेमाल होने वाला हाइड्रोलिक जैक है। सैदपुर स्थित अपने घर पर रईस के पिता ने बताया, ‘आप गांव में पता कर सकते हो। अधिकतर ट्रॉलियों में यह होता है। एनआईए ने इसे रॉकेट लॉन्चर बता दिया है।’

सईद के घरवालों का कहना है कि एनआईए अफसरों ने घर और दुकान की तलाशी ली। एक रिश्तेदार ने बताया, ‘वे सब कुछ बोरे में भर सील करकर ले गए। ऐसे हाइड्रॉलिक जैक अभी भी दुकान में पड़े हैं, जिसे अब सील कर दिया गया है। किसी को उन्हें बताना चाहिए कि सल्फर का वेल्डिंग में इस्तेमाल होता है। एनआईए बस कबाड़ इकट्ठा करके ले गई। वहां कोई बम बनाने की कोशिश नहीं कर रहा था।’ वहीं, हापुड़ के वैठ गांव में इस्लामिक टीचर शाकिब इफ्तिखार को भी गिरफ्तार किया गया था। उसकी मां शाइस्ता का कहना है, ‘उसे तो बंदरों से भी डर लगता था। वह ऐसे अपराध में कैसे शामिल हो सकता है। अगर मैं उसे डांट देती थी तो वह रोने लगता था। उसकी एक साल पहले शादी हुई थी और उसकी आठ दिन की बेटी है।’