प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुक्रवार (6 मई, 2022) को सुबह से हलचल रही। यहां काशी विश्वनाथ और ज्ञानव्यापी मस्जिद के परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों का सर्वे किया गया। मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए टीम पहुंचने से पहले सड़क पर हंगामा और नारेबाजी हुई। दोनों पक्षों ने यहां जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर हंगामे को शांत कर दिया, जिसके बाद सर्वे शुरू हुआ।
सर्वे के लिए जब कमिटी के लोग मंदिर में प्रवेश करने लगे तो मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके विरोध ने भी नारेबाजी की और हर हर महादेव के नारे लगाए। हंगामे को शांत करने के लिए मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग वहां पहुंचे और तुरंत सभी को वहां स हटाया। इसके बाद सर्वे टीम अंदर गई।
मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी और देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे के निर्देश दिए गए थे, जिसका मस्जिद कमिटी से जुड़े लोग विरोध कर रहे हैं। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के सचिव ने पहले ही कार्रवाई का विरोध करने का ऐलान किया था। हालांकि कमिटी के वकीलों का कहना है कि कानून की बात मानेंगे, लेकिन कुछ गलत हुआ तो उसकी शिकायत भी करेंगे।
वहीं, आदिगुरु शंकराचार्य जयंती के मौके पर काशी के सुमेरु पीठ में दंडा स्वामी और संन्यासियों ने हवन-पूजन किया और कामना की कि ज्ञानव्यापी परिसर में शांतिपूर्वक वीडियोग्राफी हो जाए और किसी तरह का कोई विघ्न ना हो।
दरअसल, साल 2021 में कुछ महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूर्जा-अर्चना की मांग को लेकर सीनियर डिविजन के सामने वाद दर्ज कराया था। इसके बाद जज रवि कुमार दिवाकर ने मंदिर में सर्वे और वीडियोग्राफी के निर्देश दिए थे। इस पर कमिटी सर्वे कर रही है, जिसकी रिपोर्ट 10 मई तक देनी है और इसी दिन मामले की सुनवाई भी होगी। इसके अलावा, काशी विश्वनाथ मंदिर और वहीं, स्थित ज्ञानव्यापी मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह विवाद 1991 का है।