पूरा देश गणतंत्र दिवस की तैयारियों में लगा हुआ है। लेकिन इस बीच गणतंत्र दिवस पर वंदेमातरम न गाने का फरमान जारी किया गया है। साथ ही भारत माता की जय भी बोलने पर पाबंदी लगा दी गई है। यह फरमान देवबंद उलेमा ने जारी किया है। मामले के तूल पकड़ने पर इसके पीछे कारण दिया गया है कि इससे देशभक्ति साबित नहीं होती।

मदरसा जामिया हुसैनिया के मुफ्ती तारिक कासमी ने 26 जनवरी को मौके पर वंदेमातरम न गाने और भारत माता की जय भी न बोलने पर पाबंदी लगाई है। उनका कहना है कि यह इस्लाम के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि, ‘इस्लाम में सिर्फ अल्लाह की इबादत होती है। भारत माता की जय बोलते समय एक प्रतिमा का ख्याल आता है। इसी कारण मुस्लिम को यह नारा नहीं लगाना चाहिए’। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएं। हिंदुस्तान के इसी नारे से हम अपनी देशभक्ति जिंदा रखे हैं’।

बता दें कि, कुछ दिन पहले ही इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने एक विवादित फरमान जारी किया था। दारुल उलूम देवबंद ने गणतंत्र दिवस पर अपने छात्रों के बाहर आने जाने पर पाबंदी का फरमान जारी किया था। पाबंदी के लिए जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, अगर 26 जनवरी के मौके पर छात्र बाहर जाते हैं तो उन्हें कई मुसीबतों का का सामना करना पड़ सकता है। इसमें कहा गया था कि इस दौरान उनका उत्पीड़न हो सकता है। इस नाते एहतियाद बरतते हुए छात्र संस्थान परिसर से बाहर न जाएं। इसके साथ छात्रों को ट्रेन में सफर न करने को भी कहा गया था।