इस्लामिक मान्यताओं पर राय देने वाली मुसलमानों की प्रभावशाली संस्था दारुल उलूम देवबंद ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय की वो शादियां जहां नाच-गाना और संगीत होता है, डीजे बजता है, वहां वो निकाह करवाने नहीं जाएंगे क्योंकि इस्लाम में चीजें हराम हैं। हालांकि देवबंद ने कहा कि अगर शादी में निकाह के पहले डांस होता है और काजी को इसकी जानकारी नहीं है, तो ये एक अलग मामला है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक देवबंद के शहर काजी मुफ्ती अजहर हुसैन ने कहा, “जिन शादियों में संगीत, डांस और डीजे होता है वहां हमलोग निकाह नहीं करवाएंगे, हमलोग इसका बॉयकाट करेंगे, यह इस्लाम के खिलाफ है, यदि निकाह के पहले संगीत और नृत्य होता है और निकाह करवाने वाले काजी को इस बात की कोई जानकारी नहीं है तो फिर अलग बात है।” बता दें कि इस साल यह संस्था कई फतवे जारी कर चुकी है। दारूल उलूम देवबंद ने ही फरवरी में जारी एक फतवे में कहा था कि जीवन बीमा पॉलिसी को लेना या फिर संपत्ति का बीमा कराना इस्लाम के खिलाफ है।

तब देवबंद के कुछ मुफ्तियों ने कहा था, “जीवन और मौत अल्लाह के हाथों में है और कोई भी जीवन बीमा कंपनी एक शख्स की जीवन की गारंटी नहीं दे सकती है, इसके विपरित ये जीवन बीमा कंपनियां लोगों से मिले प्रीमियम की रकम को निवेश करती हैं और इससे सूद कमाती है फिर इस ब्याज को बीमा कराये व्यक्ति को देती हैं और इस्लाम में ब्याज के जरिये कोई भी कमाई करना हराम है।” कुछ दिन पहले देवबंद उलूम ने बुर्का पर भी फतवा जारी किया था। देवबंद ने कहा था कि चुस्त और चमकदार कपड़े पहनना हराम है, और इसे पहनने से शैतान आकर्षित होते हैं। हाल ही में देवबंद ने हिन्दुओं के धर्मग्रंथ गीता के श्लोक को  एक मुस्लिम लड़की ने गाया था।  देवबंद ने इस पर भी आपत्ति जताई थी और इसे गैर इस्लामिक करार दिया था।