उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक युवक को सांप (Cobra Snake) मारना भारी पड़ गया है। पुलिस ने इस युवक के खिलाफ FIR दर्ज की है। दरअसल मामला बदायूं जिले के एक गांव का है, यहां सुखबीर नाम के एक युवक ने दो दिन पहले एक सांप को डंडे से पीट-पीटकर मार दिया था। इसी मामले में उसके खिलाफ शनिवार को FIR दर्ज की गई।

वन विभाग की एक अधिकारी रेंजर आकांक्षा गुप्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुखबीर नाम के एक शख्स के खिलाफ सांप (Cobra Snake) मारने को लेकर कादरचौक पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि यह FIR पीपुल फॉर एनिमल (PFA) के जिलाध्यक्ष विक्रेंद्र शर्मा द्वारा दी गई शिकायत के दर्ज की गई।

रेंजर आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि कोबरा सांप (Cobra Snake) को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है और यह कानून द्वारा संरक्षित है। उन्होंने बताया कि आरोपी चावल निकालने की मशीन चलाता है। उसने दो दिन पहले डंडे से एक सांप की हत्या कर दी थी। इस घटना का वीडियो किसी ने बनाकर PFA के जिलाध्यक्ष विक्रेंद्र शर्मा को भेज दिया। उनके द्वारा दी गई जानकारी और वीडियो के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है, आरोपी की तलाश जारी है।

कितनी हो सकती है सजा?

किंग कोबरा (Cobra Snake), मोनोकल्ड कोबरा, स्पेक्टैकल्ड कोबरा और रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांपों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के शेड्यूल II के तहत कानून द्वारा संरक्षित किया गया है। सांप की इन प्रजातियों को मारने पर अधिकतम सजा 3 से 7 साल की कैद या 1000 रुपये का जुर्माना का प्रावधान है।

बहराइच में सांप तस्कर गिरफ्तार

बहराइच में वन विभाग की एक टीम ने सांपों की तस्करी करने वाले एक व्यक्ति को पांच रेड सैंड बोआ स्नेक के साथ गिरफ्तार किया। इस तस्कर की गिरफ्तारी ककराहा वन क्षेत्र से की गई। डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर आकशदीप ने बताया कि आरोपी का नाम बाबू है। पेट्रोल टीम ने उसे रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि आरोपी बाबू को रुपईडीहा एरिया का रहने वाला है, जो भारत-नेपाल सीमा पर पड़ता है।

एक अधिकारी ने बताया कि रेड सैंड बोआ सांप एक दुर्लभ प्रजाति का गैर जहरीला सांप है। इसका इस्तेमाल कई प्रकार की दवाइयां, पर्स, कॉस्मेटिक सामान, कैंसर के इलाज के लिए, नशीले पदार्थ और महंगे परफ्यूम बनाने में किया जाता है। इस सांप की डिमांड भारत से ज्यादा विदेशों में है, चीन और खाड़ी देश उन देशों में सबसे आगे हैं।