सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) के जवानों के हाथ में गुलेल थामा दी गई है। हालांकि यह ‘बदलाव’ सुरक्षा की नजरिए से किया गया है और यह नजारा केवल आगरा के ताजमहल में ही दिखेगा। हमेशा बंदूक लिए ताज की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहने वाले जवानों के जिम्मे अब बंदरों को भगाना भी हो गया है। ताज परिसर में आने वाले पर्यटकों को अब बंदरों से यह जवान ही बचाएंगे। बंदरों को भगाने के लिए ही जवानों को गूलेल दी गई हैं। सीआईएसएफ जवानों में से लगभग एक दर्जन को ये गुलेलें दी गई हैं। यह जवान ईस्ट और वेस्ट गेट के पास बंदरों से पर्यटकों की सुरक्षा करेंगे।
सीआईएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि, जवानों को गूलेल देने का निर्णय व्यवहारिक हल के तौर पर लिया गया है। ईस्ट और वेस्ट गेट के पास विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगातार रहता है। इस नाते यहां तैनात रहने वाले जवानों को गुलेल दी गई है। ताज में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों अपने साथ जो भी सामान लाते हैं, उसे ईस्ट और वेस्ट गेट के पास जमा करा लिया जाता है। यहीं बंदर नजरें गड़ाए बैठे रहते हैं। जो कई बार हमला भी कर देते हैं।
एचटी की खबर के मुताबिक, सीआईएसएफ कमांडेंट ब्रजभूषण सिंह ने बताया कि, कई बैठकों में बंदरों के आतंक का मुद्दा उठा। कई प्रस्तावों पर चर्चा के बाद योजनाएं बनाई गईं। यहां तक की बंदरों को ताजपरिसर से दूर रखने के लिए यहां लंगूरों की तैनात करने की भी योजना थी। हालांकि, वन विभाग के नियमों के चलते लंगूरों को नहीं तैनात किया जा सका। पर्यटकों को सचेत रखने के लिए चेतावनी बोर्ड भी कई जगह लगाए गए। फिर भी कई बार तो पर्यटकों को बंदरों ने गंभीर रूप से घायल कर दिया। सारे प्रयासों के बावजूद लेकिन बंदरों के आतंक कम नहीं हुआ। इस कारण अब जवानों को गुलेल दी गई हैं।

