इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को झटका देते हुए 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने पर रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी। उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को 22 दिसंबर को पारित किया था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में 17 अतिपिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमर, गोडिया और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गयी थी और इसे जल्द ही केन्द्र की मंजूरी के लिये भेजा जाना था।
राज्य विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के बीच सरकार के इस कदम को इन पिछड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश माना जा रहा है। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करके केन्द्र के पास भेजा गया हो।
