उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हर ओर गाय रक्षा की दुहाई की ही बातें की जा रही हैं। इसी बीच ऐसे भी कई जुनूनी लोग सामने आ रहे है जो गायों को जीवनदान देना अपनी जिंदगी का मकसद बना चुके है। तीन वर्ष पहले हुई एक घटना ने एक युवक को गोसेवा के लिए प्रेरित कर दिया। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के वैदपुरा के अखिलेश तिवारी ने गोसेवा करते हुए संकल्प लिया कि अब किसी गाय को तड़पकर नहीं मरने देंगे। असल में 35 साल के अखिलेश तिवारी वैदपुरा में रामजी गिफ्ट इंपोरियम का संचालन करते हंै। अखिलेश ‘जनसत्ता’ को एक विशेष भेंट में बताते हंै कि आज से करीब 3 साल पहले बेकाबू ट्रक की टक्कर लगने से एक गाय मरणासन्न हो गई थी। उसका 41 दिन तक उपचार कराने के बाद उसको पूरी तरह से दुरूस्त करवा लिया। उसके बाद मन में गाय सेवा का मोह पैदा हो गया। तब से अब तक करीब 600 से अधिक गायों को स्वस्थ्य कर चुके हैं।
अखिलेश का कहना है कि उनके गाय प्रेम को देखने के बाद गौरक्षा समिति के महासचिव मंयक विधौलिया गायों के उपचार के लिए आर्थिक मदद करने के साथ साथ उत्साहवर्धन करके गए। इसी दरम्यान वह यह भी कह गए कि अखिलेश अपने मिशन से पीछे नहीं हटना। तब से लगातार गायों की रक्षा के लिए अपने आप को समर्पित कर रखा है और जीवन में आगे भी गायों की रक्षा के लिए ही लगा कर रखने की उम्मीद है। अखिलेश बताते हैं कि उन्होंने अभी तब गायों की रक्षा के लिए किसी भी तरह की गैर सरकारी और सरकारी सहायता नहीं ली है और ना ही लेने का कोई इरादा है क्योंकि गायों की तीमारदारी करने में उन्हें सुकून मिलता है। अखिलेश बताते है कि गौरी नाम की एक गाय है जो अपना नाम पुकारे जाने पर तुरंत चली आती है। करीब तीन साल की यह गाय दो साल पहले उनके संपर्क में आई थी। तब से लगातार गौरी उनकी जिंदगी का एक हिस्सा बनी हुई है।दरअसल, बैदपुरा में पशुओं का बाजार लगता है जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में गाय और गोवंश का झुंड सड़कों पर विचरण करता है। आसपास के किसानों ने फसल की रक्षा के लिए खेतों में तार लगा दिए हैं। रोजाना दर्जनों गाएं इन तारों में उलझकर बुरी तरह घायल हो जाती हैं। कुछ गाएं सड़क दुर्घटना में भी घायल हो जाती हैं। इन घायल गायों के उपचार और उनकी सेवा का बीड़ा अखिलेश तिवारी ने टीम बनाकर उठाया है।
रोजाना 10 से 12 गायों के उपचार के लिए इंतजाम अखिलेश तिवारी व मनोज गुप्ता करते हैं। गोरक्षा दल के प्रदेश महासिचव मयंक विधौलिया से प्रेरित अखिलेश तिवारी की गोसेवक टीम में मनोज गुप्ता, भूपेन्द्र वर्मा, रणवीर यादव, आचार्य शैलेंद्र, रूपचंद्र, देवेंद्र प्रताप सिंह, भारत सिंह, हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। जो भी गाय मरती हैं उसके लिए चुनरी की व्यवस्था धीरज गुप्ता करते हैं। गोसेवक गड्ढा खोदकर उसका अंतिम संस्कार करते हैं। गाय यदि गंभीर रूप से घायल हो तो उसे प्राचीन शिव मंदिर पर भर्ती कर इलाज व उसके चारे की व्यवस्था की जाती है। उन्होंने गायों के इलाज हेतु जिला प्रशासन से ग्राम पंचायत स्तर पर गोशाला के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की।गौरक्षा समिति के प्रदेश महासचिव मंयक विधौलिया कहते है कि उनको एक दिन किसी माध्यम से इस बात की जानकारी मिली कि वैदपुरा मे कोई है, जो घायल गायों के इलाज में जुटा हुआ है। जब वह मिलने पहुंचे तब अखिलेश किसी गाय का उपचार करने में जुटे थे। बातचीत करने और संतुष्ट होने के बाद विधौलिया ने अखिलेश को अपनी टीम में शामिल करने का आंमत्रण दिया जिसे अखिलेश से सहर्ष स्वीकार कर लिया।