उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा पर विपक्ष को हमलावर होने का एक और अवसर देते हुए उत्तर प्रदेश प्रांतीय लोक सेवा (यूपीपीसीएस) 2015 के लिए रविवार को हुई प्रारंभिक परीक्षा का पहला प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले लीक हो गया। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि परीक्षा रद्द करने के बारे में कोई भी फैसला उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग करेगा। मामले की जांच चल रही है और सरकार को जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। प्रदेश की इस सबसे बड़ी परीक्षा का पहला प्रश्न पत्र 9.30 से 11.30 के बीच चल ही रहा था कि प्रदेश भर में पर्चा लीक होने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।

पुलिस महानिदेशक एके जैन ने कहा-पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र रविवार सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले ही लगभग 9.15 बजे वाट्सऐप पर लीक हो गया। वाट्सऐप पर प्रचारित प्रश्नपत्र का पीसीएस परीक्षा के प्रश्नपत्र से मिलान किया गया तो प्रश्नपत्र लीक हो जाने की पुष्टि हुई।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव आलोक रंजन को भी सूचित कर दिया गया है। जैन ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में पुलिस को कुछ शुरुआती सुराग मिले हैं। लेकिन आगे की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है और उम्मीद है कि शीघ्र ही सारे मामले का खुलासा हो जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं के लिए होने वाली इस परीक्षा में कुल 4.5 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया और इसके लिए प्रदेश में कुल 917 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। अकेले राजधानी लखनऊ में 148 परीक्षा केंद्रों पर 70 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।

पहली पाली की परीक्षा से बाहर निकलने पर जब अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र आउट हो जाने की खबर मिली तो उन्होंने राजधानी के अलीगंज स्थित लोक सेवा आयोग के कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इलाहाबाद स्थित प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने भी हजारों नौजवानों ने प्रदर्शन किया और आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव का पुतला फूंका। कानपुर व अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में छात्रों के विरोध प्रदर्शन की खबरें मिलीं।

अभ्यर्थियों में दूसरी पाली की परीक्षा को लेकर भी संशय पैदा हुआ। लेकिन दूसरी पाली की परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार ही संपन्न कराई गई। जिलाधिकारी लखनऊ राज शेखर ने बताया कि पीसीएस की दोनों पाली की परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न कराई गई हैं।
प्रदेश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो जाने के बाद विपक्षी दलों ने सारे मामले की सीबीआइ जांच कराए जाने और आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव की बर्खास्तगी की मांग की है जो इस प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा में ही जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था लागू कर देने के लिए 2013 में विवादों में घिर गए थे। यह व्यवस्था बहरहाल बड़े पैमाने पर हुए आंदोलनों के बाद रद्द कर दी गई थी।

भाजपा प्रवक्ता मनोज मिश्रा ने कहा-पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा का पर्चा लीक हो जाना एक गंभीर मामला है। इसकी सीबीआइ से जांच होनी चाहिए और राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव को तत्काल बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अनिल यादव को लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से हर परीक्षा में धांधली हुई है। इसलिए दो अप्रैल 2013 के बाद हुई सारी परीक्षाओं की जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी सारे मामले की सीबीआइ जांच की मांग उठाई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने पर बल दिया है। सिंह ने कहा-पर्चा आउट करने के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई और आगे ऐसा न होने पाए इस बात की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए।