उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में लंगूर बंदरों ने आफत मचाई हुई है। अस्पताल हो या रेस्टोरेंट सब जगह बंदरों ने आसमान सिर पर उठाया हुआ है। इतना ही नहीं ये बंदर कभी भी आप पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में प्रशासन ने इनके आतंक को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। अब बंदरों को भगाने के लिए पुलिस जुट गई है और पीआरडी के जवानों को इस काम के लिए लगाया गया है। इस दौरान पीआरडी के एक जवान पर बंदर ने हमला कर दिया और उनको जख्मी कर दिया।
सड़कों पर खाकी वर्दी पहनकर यूपी पुलिस के जवान बंदरों को भगाने में जुटे हैं। धान मंडी में बंदरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। पहला तो ये कि शहर में बंदर छाप पोस्टर लगाए गए और बंदरों को भगाने के लिए पीआरडी के जवानों को लगाया गया। इसी दौरान बंदरों को भगाने में जुटे पीआरडी के एक जवान महेंद्र पर एक बंदर ने हमला कर दिया और उसके पैर पर काट लिया। इतना ही नहीं बंदरों ने जवान को दौड़ा-दौड़ा कर हमला किया। इसके बाद जवान ने इंजेक्शन लगवाया।
महेंद्र ने बताया कि विभाग ने बंदरों के पोस्टर लगवाए थे, जिन्हें देखकर बंदर भाग जा रहे थे और अब स्थिति काफी राहत में है। उन्होंने यह भी बताया कि इंफेक्शन से बचने के लिए उन्होंने भी इंजेक्शन लगवा लिया है और अब कोई दिक्कत नहीं है।
उधर, छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में भी इसी तरह का मामला सामने आया है। यहां भी लोग बंदरों से परेशान हैं। यहां तीन बंदरों ने खूब उत्पात मचाया हुआ है और ये अभी तक 10 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। ओडिशा से आई एक महिला को भी इन बंदरों ने अपना शिकार बनाया और उसके पैर का मांस नोच ड़ाला।
घायल महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां के डॉक्टरों ने आशंका जताई कि अगर जल्द ही महिला को इलाज नहीं दिया गया तो उनके पैर भी काटने पड़ सकते हैं। वहीं, दुर्ग के डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि तीनों बंदर नर हैं और बंदरों के झुंड ने उन्हें अलग कर दिया था, जिसके बाद वो हिंसक हो गए। शशि कुमार ने कहा कि कसारीडीह क्षेत्र में कुछ लड़कों ने बंदरों को पत्थरों से मारा और काफी परेशान भी किया। इस वाकिए के बाद ये बंदर इतने ज्यादा हिंसक हो गए कि लोगों पर हमला शुरू कर दिया। वन विभाग, राजनांदगांव और रायपुर की विशेष टीम ने तीनों बंदरों को पकड़ लिया।