पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। पुलिस को रविवार को यहां के एक घर से एक वृद्धा का कंकाल मिला। पुलिस के अनुसार वृद्धा के दो बेटों अरुण साहा (65) और अजित साहा (55) ने पिछले नौ महीने से उसका शव घर में रखा हुआ था। दोनों व्यक्ती अविवाहित हैं। पुलिस के अनुसार उन दोनों की मां नानी बाला साहा की मौत 16 जनवरी को 85 वर्ष की अवस्था में हो गई थी। साहा भाइयों ने पुलिस से कहा कि उस समय बहुत ज्यादा ठंडे होने के कारण वो शव को दाह-संस्कार के लिए नहीं ले जा सके। अरुण साहा ने पुलिस को बताया, “हमें लगा हम कुछ दिनों बाद शव को दाह-संस्कार के लिए ले जाएंगे। लेकिन बाद में उसमें कीड़े लग गए और हम उसे जलाने के लिए नहीं ले जा सके।”

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार साहा भाई पड़ोसियों से ज्यादा मेल-मिलाप नहीं रखते थे। पड़ोसियों के अनुसार वृद्धा का स्वास्थ्य पूछने पर वो कहते थे कि वो बीमार हैं और सो रही हैं। वो किसी को भी अपने घर के अंदर नहीं आने देते थे। कुछ दिनों पहले स्थानीय नगरपालिका के कर्मचारी रूपक अधिकारी एक सर्वेक्षण के  लिए उनके घर गए। उन्हें घर की माप लेने के अलावा कुछ दस्तावेज की जांच करनी थी लेकिन साहा भाइयों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। अधिकार के अनुसार दोनों भाइयों के बरताव से उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने पड़ोसियों के संग मिलकर एक योजना बनाई।

अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “हमने छह लोगों का समूह बनाया और सुबह उन्हें देखने के लिए गए। जब उन्होंने हमें अंदर नहीं जाने दिया तो लोग जबरदस्ती उनके घर में घुस गए। हमें वहां बेड पर उनकी मां का कंकाल मिला। कमरा बहुत ज्यादा गंदा था और वहीं बहुत अंधेरा भी था।” कंकाल मिलने के बाद उन लोगों ने पुलिस को सूचित किया। साहा भाइयों का घर काफी बड़ा और मुख्य सड़क से हटकर है। इसीलिए लोगों को शव की दुर्गंध का पता नहीं चला। दोनों भाई बेरोजगार हैं। अरुण साहा कुछ साल पहले तक ट्यूशन पढ़ाते थे। पुलिस के अनुसार दोनों भाइयों की मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही है। पिछले साल  जून में कोलकाता के रॉबिंसन स्ट्रीट में पुलिस ने एक व्यक्ति को उसकी बहन और दो कुत्तों के शव के साथ रहते हुए पाया था।

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