लखनऊ की विधानसभा के उस समय हड़कंप मच गया जब एक शिक्षिका ने विधानभवन के सामने अपने आत्मदाह करने पहुंच गई। इससे पहले महिला अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा पाती कि मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। शिक्षिका ने प्रधानाचार्य पर छेड़खानी का आरोप लगाया। इसके साथ ही पीड़िता ने कैसरबाग थाना पुलिस पर इस मामले को लेकर पुलिस पर कार्यवाही नहीं करने और आरोपी को बचाने का भी आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि छेड़छाड़ करने वाला आरोपी अब उसे धमकी देता है। बाद में मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने महिला को समझाकर शांत कराया और गौतमपल्ली थाने में ले जाकर पूछताछ की।

पुलिस के मुताबिक, सुबह करीब 11 बजे पीड़िता विधानसभा के पास पहुंची और अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालने लगी। यह देखते ही वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर रमेश यादव ने महिला कांस्टेबल के जरिए महिला को शांत कराया। महिला ने बताया कि उसने कैसरबाग थाने में मॉडल हाउस सरस्वती शिशु मंदिर के प्रिंसिपल के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज करायी थी। लेकिन कुछ ही समय बाद आरोपी जमानत पर बाहर आ गया और उसे धमकाने लगा।

इसकी शिकायत पुलिस में की गई। लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उसके पति पर एफआईआर दर्ज कर दी। महिला का आरोप है कि पुलिस से मिलकर उसे और उसके पति को परेशान कर रही है। जबकि पुलिस का कहना है कि पुलिस ने दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन जब जांच हुई तो दोनों मामले फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई थी।