राजधानी के कई इलाकों को सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन अगर आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आसपास का इलाका असुरक्षित होने की बात कही जाए तो थोड़ा असहज लगेगा, क्योंकि यहां चौबीसों घंटे पुलिस की सक्रियता बनी रहती है। हालांकि यह सच है कि पुलिस मुख्यालय के आसपास का क्षेत्र इन दिनों बदमाशों का अड्डा बना हुआ है। मुख्यालय से सटा प्यारेलाल भवन, पायनियर बिल्डिंग और मेट्रो स्टेशन का गेट बदमाशों के निशाने पर है। लूटपाट और झपटमारी का विरोध करने पर बदमाश पीड़ितों के साथ मारपीट करने से भी पीछे नहीं हट रहे।

मंगलवार रात जहां डॉल्स म्यूजियम परिसर में चल रहे एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर को घर जाते समय लूट लिया गया, वहीं बुधवार देर रात को पायनियर बिल्डिंग के सामने अखबार बेच रहे लल्लन सिंह से पांच हजार रुपए लूटे गए और उनकी पिटाई की गई। पुलिस का कहना है कि मुख्यालय के बाहर हो रही घटनाएं सीसीटीवी कैमरे में कैद नहीं हो पाती, इसके बावजूद हम बदमाशों की धड़पकड़ कर रहे हैं।

बहादुरशाह जफर मार्ग पर प्यारेलाल भवन और पायनियर बिल्डिंग के गेट के सामने सालों से अखबार बेच रहे लल्लन सिंह को बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे सोते समय बदमाशों ने लूट लिया। लल्लन ने गुरुवार को आइपी एस्टेट थाने में इस बाबत तहरीर दी। करीब तीन दशकों से अखबार बेचकर परिवार का पालन-पोषण करने वाले लल्लन ने बताया कि वे अन्य दिनों की तरह अपनी दुकान पर ही सो रहे थे तभी तीन-चार युवक आए और उन्हें धक्का देकर उठाया। वे कुछ समझ पाते इससे पहले युवकों ने सारे पैसे उनके हवाले करने को कहा वरना अंजाम भुगतने की धमकी दी।

विरोध करने पर चारों युवकों ने लल्लन की पिटाई शुरू कर दी। लल्लन ने अपने पास रखे 5000 रुपए उन्हें दे दिए, तब जाकर बदमाश वहां से गए। गुरुवार को उन्होंने अपने साथ हुई लूटपाट की तहरीर आइपी एस्टेट थाने में दी। इसी तरह मंगलवार रात करीब नौ बजे डॉल्स म्यूजियम स्थित अपने दफ्तर से घर जा रहे पत्रकार फईम अहमद ने बताया कि वे प्यारेलाल भवन के सामने बस का इंतजार कर रहे थे तभी स्कूटी सवार दो बदमाशों ने उसका मोबाइल झपटा और फरार हो गए। फईम ने कुछ दूर तक बदमाशों का पीछा भी किया पर वे सफल नहीं हो सके। उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण उन्हें अभी तक रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिल पाई है।

फईम का यह भी आरोप है कि जब उन्होंने पुलिस मुख्यालय के बाहर तैनात गार्ड से सीसीटीवी कैमरे दिखाने कहा तो जवाब मिला कि यहां लगे कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही यहां एक उर्दू अखबार के पत्रकार को भी लूट लिया गया था। कुछ बदमाशों ने पता पूछने के नाम पर उनका मोबाइल छीना और फरार हो गए। इसी तरह यहां स्थित पासपोर्ट दफ्तर में काम करने वाली तीन महिलाओं को भी उस समय लूट लिया गया था, जब वे दफ्तर से घर जाने के लिए सड़क पार कर रही थीं। आइटीओ पुलिस मुख्यालय के बाहर लूटपाट की सबसे सनसनीखेज वारदात 5 जून को हुई थी, जब डॉल्स म्यूजियम देखने आई एक महिला के गले से सरेआम सोने की चेन झपट ली गई थी।

दोपहर करीब दो बजे मेट्रो के गेट नंबर-चार के बाहर सरिता नाम की महिला अपने परिजनों के साथ डॉल्स म्यूजियम के बाहर खड़ी थी, तभी मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने पीछे से आकर उसके गले से चेन खींची और भाग गए। हमेशा यहां खड़ी रहने वाली पीसीआर की गाड़ी को भी इसकी भनक नहीं लगी। पुलिस प्रवक्ता राजन भगत का कहना है कि मुख्यालय के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों में बाहर की वारदातें कैद नहीं हो पाती हैं, इसके बावजूद हम मुस्तैदी बढ़ाकर बदमाशों की धड़पकड़ कर रहे हैं।