देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सफाईकर्मियों के 20 हजार पदों के लिए सरकार ने विज्ञापन निकाला है। इसके लिए 20 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से कई एमबीए, बीटेक और बीएड डिग्रीधारी हैं। हालांकि इस पद के लिए विज्ञापन के मुताबिक योग्यता आठवीं पास रखा गया है। लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत में लोगों ने अपनी योग्यता से कमतर वाले पद के लिए आवेदन किया है। यहां एक बात और दिलचस्प है कि यहां एक-एक पद के लिए 99 लोगों में मुकाबला है। 8 साल में पहली बार सरकार ने स्वीपर के लिए विज्ञापन निकाला है। दरअसल, अखिलेश सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि राज्य भर के नगर निगमों में होनेवाली इन नियुक्तियों के लिए ऑनलाइन विज्ञापन निकाला जाय।

ऐसा भी नहीं है कि ये पक्की नौकरी है। विज्ञापन के अनुसार चयनित उम्मीदवारों को ठेके पर रखा जाएगा। साथ ही सभी इच्छुक अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले ही प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी। यानी उन्हें नियुक्त होने से पहले ही सड़कों पर झाड़ू लगाने होंगे। नालियां साफ करनी होंगी। उम्मीदवारों की भारी तादात के चलते अंतिम नियुक्ति होने में करीब दो साल लग सकता है।

बीए, एमए, एमएससी डिग्रीधारी आवेदकों की तो लंबी कतार है। ऐसा भी नहीं है कि यहां आवेदन करनेवाले सिर्फ उत्तर प्रदेश से हैं। पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, असम, यहां तक कि कई आवेदक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के हैं। फिलहाल नगर निगम 100 से 500 लोगों का ग्रुप बनाकर प्रैक्टिकल एग्जाम ले रहे हैं। जो लोग नौकरी के लिए चयनित होंगे उन्हें 15 हजार से 17 हजार के बीच प्रति महीना वेतन मिलेगा।

किस नगर निगम में सफाईकर्मियों के कितने-कितने पद हैं खाली।

कानपुर निवासी 23 वर्षीय वरुण कुमार सिंह एमबीए डिग्रीधारी हैं, उन्होंने भी इस पद के लिए आवेदन किया है। आवेदन में उन्होंने सूट और टाई पहनकर खिंचवाई गई फोटो लगाई है। बी कॉम, एम कॉम के बाद एमबीए करने वाले वरुण इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं कि वो 17000 रुपये की सरकारी नौकरी पाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, “सिर्फ सफाई ही तो करनी है, कर लेंगे।”

बस्ती के रहने वाले श्याम सुंदर यादव गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड हैं और टेट एग्जाम पास हैं। उन्होंने भी इस पद के लिए आवेदन किया है। श्याम सुंदर कहते हैं कि उनकी उम्र 27 साल हो गई है और जब तक सरकारी नौकरी नहीं पाएंगे तब तक शादी नहीं करेंगे।भले ही वो नौकरी स्वीपर की क्यों न हो?

एटा जिले के उदयपुर गांव के रहने वाले विकास यादव भी इन्हीं उम्मीदवारों की कतार में हैं। विकास एमएससी फर्स्ट ईयर के स्टूडेन्ट हैं। 6 फीट लंबे विकास कहते हैं कि उनके लिए यह मायने नहीं रखता कि वो नाली साफ करेंगे या सड़क। बस सरकारी नौकरी चाहिए।