राजस्थान की राजधानी जयपुर के ग्रामीण इलाके शाहपुरा में गणेश पूजा पंडाल के पास जानवर के अंग मिलने के आरोपों को लेकर बुधवार को धरना-प्रदर्शन के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने कहा कि आवारा कुत्ते जानवर को घसीटकर यहां लाए थे। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 7:30 बजे अफवाहों का दौर शुरू हुआ, जब कथित तौर पर एक बकरी के अंग एक तालाब के पास पाए गए, जहां मूर्तियों का विसर्जन किया गया था। जैसे ही खबर फैली स्थानीय दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि किसी ने जानबूझकर वहां अवशेष फेंके हैं।
शाहपुरा के पुलिस अधीक्षक राजेश कावंत ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह इलाके में शांति भंग करने का जानबूझकर किया गया प्रयास था।
पुलिस ने CCTV फुटेज को लेकर क्या कहा?
पुलिस ने जानकारी दी और कहा, “हमें सूचना मिली थी कि एक पंडाल के पास जानवर के अवशेष मिले हैं। हमने पुलिस बल भेजकर मामले की जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि कुछ आवारा कुत्ते मरी हुई बकरी के अवशेष खा रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में इन कुत्तों को बकरी के अवशेषों को तालाब के पास घसीटते हुए देखा जा सकता है। हमने प्रदर्शनकारी संगठनों को सूचित कर दिया है और उनसे धरना बंद करने को कहा है।”
जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई जांच में अब तक कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि शाहपुरा सौहार्द के लिए जाना जाता है और लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
इस मामले को लेकर शाहपुरा में बाजार भी बंद रहे, क्योंकि दक्षिणपंथी संगठनों ने पूरे शहर में प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए।कुछ लोग पंडाल के बाहर भी इकट्ठा हुए और पुलिस से “दोषियों” को गिरफ्तार करने की मांग की। नगर पंचायत के अध्यक्ष रघुनंदन सोनी ने दावा किया कि यह घटना शहर में शांतिपूर्ण माहौल और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की एक सुनियोजित साजिश थी। हालांकि शाम तक प्रदर्शन शांत हो गया था।