हैदराबाद के पटनचेरू स्थित रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) कार्यालय में रखे दस्तावेजों की एक फोटो सोशल मीडिया पर बड़ी ही तेजी से वायरल हो रही है। बुधवार (9 मई) को यह तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली गई थी। इस तस्वीर में नजर आ रहा है कि आरटीए कार्यालय में रखे दस्तावेजों पर नोटों के बंडल लगे हुए हैं। सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर इस तस्वीरों को ‘यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ रेसिडेन्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन’ के सचिव बीटी श्रीनिवासन ने डाला है। इन तस्वीरों को डालते हुए उन्होंने लिखा कि किसी ने पटनचेरू आरटीओ कार्यालय की यह तस्वीरें मेरे फेसबुक पेज पर डाला है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, नई गाड़ियों के पंजीकरण और नवीनीकरण संबंधी कागजात हैं। आवेदनों के साथ रिश्वत भी नत्थी है।
बाद में यह पता चला कि इन तस्वीरों को ‘यूथ फॉर एंटी करप्शन’ नाम के एक गैर सरकारी संस्था के सदस्यों ने खींची है। दरअसल इनमें से एक आवेदक ने ‘यूथ फॉर एंटी करप्शन’ से इस बात की शिकायत की थी कि सभी जरुरी योग्यताएं और कागजात होने के बावजूद पिछले करीब दो महीनें से उसकी फाइल आरटीओ ऑफिस में अटकी पड़ी है।
इतना ही नहीं इस आवेदक ने जब ऑफिस में अपने फाइल की जानकारी मांगी तो उससे वहां रिश्वत मांगी गई। बीते मंगलवार (8 मई) को जब इस शिकायत के सिलसिले में एनजीओ की टीम के सदस्य आरटीओ दफ्तर पहुंचे तो वहां कई सारे ऐसे आवेदन रखे हुए थे जिनमें पैसों का बंडल लगा हुआ था। यह भी खुलासा हुआ है कि रिश्वत की मांग दफ्तर के कर्मचारियों ने नहीं बल्कि दलालों ने की है।
इधर इस खबर के सामने आने के बाद आरटीए प्रबंधन ने इस मामले में जांच बैठा दी है। दफ्तर की तरफ से यह भी कहा गया है कि यह तस्वीरें आरटीए दफ्तर के अंदर की नहीं हैं। आरटीए कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि तस्वीर में दिख रहा टेबुल, फर्श और दूसरी चीजें पटनचेरू स्थित दफ्तर की नहीं लग रही हैं। इस मामले में ‘द हिंदू’ से बातचीत करते हुए जिले के ट्रांसपोर्ट अधिकारी ने कहा है कि इस मामले में जांच की जाएगी और अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

