गोमांस खाने पर विवादित बयान देने के लिए तेलंगाना की सरकार ने जयशंकर बुपालपल्ली जिले के कलेक्टर ए मुरली से सफाई मांगी है। ए मुरली ने 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के मौके पर कथित रुप से गोमांस और सुअर का मांस खाने को लेकर ब्रह्माण समुदाय पर टिप्पणी की थी। ए मुरली ने कहा था कि तेलंगाना में पहले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग अच्छी खासी मात्रा में गोमांस और सुअर का मांस खाते थे, लेकिन ब्राह्मण समुदाय के प्रभाव में उन्होंने इसे खाना बहुत कम कर दिया है। कलेक्टर ए मुरली ने टीबी दिवस के कार्यक्रम में तेलंगाना के दलित समुदाय में टीबी जैसी बीमारियों के बढ़ने की वजह मांसाहारी भोजन ना करने के कारण पैदा हुई प्रोटीन की कमी को बताया था। उन्होंने कहा था, ‘ ब्रह्माण संस्कृति ने दलितों और आदिवासियों के खान-पान पर असर डाला है, जिसकी वजह से उनके खाने में प्रोटीन की कमी हो गई है, और इस वजह से ये लोग टीबी की चपेट में आ रहे हैं।’

संडे एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कलेक्टर ए मुरली ने लोगों को कहा था कि धार्मिक रीति रिवाजों की वजह से एससी एसटी समुदाय के लोग पहले की तरह गोमांस और सुअर का मांस नहीं खाते हैं, इस वजह से उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने के काम आने वाली प्रोटीन की कमी हो गई है और वे क्षय रोग जैसे बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। दरअसल ए मुरली सावन के महीने में भगवान अयप्पा की यात्रा के दौरान मांसाहार भोजन को छोड़ने की प्रथा का जिक्र कर रहे थे। उनके इस बयान पर हैदराबाद में ब्रह्माण समाज के लोगों ने कड़ा एतराज जताया था, और हैदराबाद के पास उनकी शिकायत भी थी, इसके बाद तेलंगाना सरकार ने उनसे जवाब मांगा है। हालांकि कलेक्टर ए मुरली ने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांग ली। उन्होंने कहा, ‘ मुझे ब्रह्माण शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था, बल्कि इसकी जगह एक विशेष समुदाय कहना चाहिए था, अगर मेरे बयान से किसी को तकलीफ पहुंचा है तो मैं माफी मांगता हूं।

बुपालपल्ली के कलेक्टर ने कहा, ‘ मैं सिर्फ ये बताना चाह रहा था कि कैसे सालों-साल लोगों के खान पान में बदलाव आया है, मझे गांव के कुछ बुजुर्ग लोग बता रहे थे कि कैसे उन्होंने धार्मिक विश्वास के चलते गोमांस और सुअर का मांस खाना छोड़ दिया था।’ संडे एक्सप्रेस को ए मुरली ने बताया कि, ‘वे लोगों को पौष्टिक खाने के बारे में बता रहे थे, और एक शख्स को जो पसंद है उसे वहीं खाना चाहिए।’ ए मुरली ने कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाना नहीं था।