सभी सिनेमाघरो में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने के सुप्रीम कोर्ट के अभूतपूर्व आदेश के बाद इसकी तौहीन और जवाबी प्रतिक्रिया का मामला सामने आया है। चेन्नई के एक सिनेमाघर में रविवार को राष्ट्रगान के समय नहीं खड़े होने पर आठ लोगों की पिटाई कर दी गई, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं। पीड़ितों का आरोप है कि तकरीबन 20 लोगों के समूह ने उनको पीटा। उधर केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में राष्ट्रगान बजाए जाने के दौरान खड़े होने से मना कर राष्ट्रगान के प्रति ‘अशिष्टता’ दिखाने के लिए कम से कम छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया। चेन्नईसे मिली खबर के मुताबिक, रविवार को तमिल फिल्म चेन्नई 28 दिखाए जाने के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता श्रीला एम के साथ आठ लोगों को उस समय निशाना बनाया गया जब वे कथित पर राष्ट्रगान के प्रति असम्मान दिखा रहे थे। इन लोगों का आरोप है कि विजय कुमार नामक युवक की अगुवाई में इन लोगों को पीटा गया। पीड़ितों का कहना है कि फिल्म के इंटरवल के बाद उन पर हमला किया गया। पुलिस ने इन पीड़ितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, क्योंकि कथित हमलावरों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर रिपोर्ट लिखने का दबाव डाला।

पीड़ितों ने माना कि वे राष्ट्रगान के समय नहीं खड़े हुए थे, क्योंकि यह राष्ट्रभक्ति का सबूत नहीं माना जा सकता। उधर केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में राष्ट्रगान बजाए जाने के दौरान खड़े होने से मना कर राष्ट्रगान के प्रति ‘अशिष्टता’ दिखाने के लिए कम से कम छह लोगों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने कहा कि कन्नककुन्नु निशागांधी ओपन एयर थिएटर में केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में राष्ट्रगान बजाए जाने के दौरान इन लोगों ने खड़ा होने से मना कर दिया। यहां तक कि हॉल में उपस्थित पुलिसकर्मियों के अनुरोध करने पर भी उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।बाद में पुलिस उन्हें म्यूजियम पुलिस थाना ले गई। इस बीच पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने पुलिस को उन सभी लोगों पर नजर रखने का निर्देश दिया जो इस फिल्मोत्सव के दौरान राष्ट्रगान के प्रति अनादर दिखाते हैं।