तमिलनाडु के सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के तबादले पर विद्यार्थी फूट-फूटकर रोने लगे। वे उस दौरान उनके तबादले का विरोध कर रहे थे। आलम यह था कि बच्चे उन्हें घेरे हुए थे और कहीं जाने भी नहीं दे रहे थे। वे कह रहे थे, “सर, प्लीज हमें छोड़कर न जाइए।” प्रदर्शन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग को मामले में दखल देनी पड़ी, जिसके बाद शिक्षक का तबादला 10 दिनों के लिए रोक दिया गया।

मामला चेन्नई के उत्तरी हिस्से में पड़ने वाले तिरुवल्लर इलाके का है। बुधवार को वेलियाग्राम के सरकारी स्कूल में कुछ बच्चों को अंग्रेजी के शिक्षक जी.भगवान (28) के दूसरे स्कूल में तबादले की खबर मिली। थोड़ी देर बाद विभिन्न कक्षाओं के तकरीबन 100 विद्यार्थियों ने उन्हें घेर लिया और वे उनके तबादले को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

स्कूल में दो ही अंग्रेजी के शिक्षक हैं, जिनमें से एक भगवान भी हैं। प्रिंसिपल ने ए.अरविंदन ने बताया कि वह (भगवान) छठी से 10वीं तक के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं। बुधवार को सुबह नौ बजे एक अन्य टीचर आया था। उस दिन की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, जिसके बाद भगवान को 10 बजे के पहले नए स्कूल (जहां तबादला हुआ था) जाना था। लेकिन उन्हें बच्चों ने रोक लिया, जिसके कारण प्रक्रिया थाम दी गई।

विद्यार्थियों के साथ उस दौरान कई अभिभावक भी थे, जो चाहते थे कि भगवान इसी स्कूल में रुकें और बच्चों को पढ़ाएं। अरविंदन के अनुसार, “मुझे तबादले के आदेश को लेकर 10 दिन रुकने के लिए गया है।” अंग्रेजी के शिक्षक का तबादला रुकवाने के लिए पैरेंट्स एंड टीचर्स एसोसिएशन (पीटीए) ने स्थानीय विधायक पीएम नरसिम्हन से भी मदद की गुहार लगाई थी।

उधर, भगवान का कहना है, “मैं जैसे ही कक्षा से निकले था, बच्चों ने घेर लिया था। उन्होंने स्कूटर की चाभी भी छीन ली थी। वे बैग मेरा बैग लेकर बुरी तरह से रो रहे थे। बाद में वे मुझे घसीटते हुए कक्षा में ले गए। मैं यह देख कह सकता हूं कि मैं न सिर्फ पैसे कमाए, बल्कि बच्चों का स्नेह भी पाया।” बकौल अंग्रेजी शिक्षक, “मुझे पता है कि मुझे जाना है, लेकिन इस अनुभव ने मुझे बहुत बड़ा पाठ पढ़ाया है और स्पष्ट किया है कि मेरे पेशे में अभी भी ढेरों संभावनाएं हैं।”