जम्मू कश्मीर के न्यायिक अधिकारी पर एक महिला से रेप का आरोप लगा है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज किया है। महिला का आरोप है कि सब जज राजेश अबरोल ने उसे पहले अपने साथ पत्नी की तरह रखा फिर छोड़ दिया। महिला ने कहा कि सब-जज ने उसके साथ शरीरिक संबंध बनाने के लिए धोखे और फरेब से उसकी सहमति ली। सब जज पर जम्मू- कश्मीर की रणबीर पीनल कोड की धारा 376 के तहत आरोपी बनाया गया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इंडियन पीनल कोड लागू नहीं होता है। सब जज राजेश अबरोल राज्य के हाई कोर्ट में बतौर लीव रिजर्व कार्यरत हैं। अपने शिकायत में महिला ने कहा है कि 2015 में वह एक कानून लड़ाई में फंसी हुई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात आरोपी से हुई। पीड़ित के मुताबिक आरोपी ने कहा कि अगर वह उसके यहां नौकरानी के तौर पर काम करती है तो वह उसकी मदद करेगा। आरोपी सब जज ने इसके बदले में उसे 5 हजार रुपये तनख्वाह भी देने का वादा किया। महिला का कहना है कि वह अपनी छोटी बेटी की पढ़ाई के लिए इस काम को करने के लिए तैयार हो गई।
केस के मुताबिक सब जज ने महिला की शादी को भी खत्म करवा दिया। इसके लिए उसने सात अगस्त 2015 को एक नोटरी से तलाकनामे को अटेस्टेड करवाया। कुछ दिनों के बाद पीडित अपने माता-पिता के घर रामबन लौट आई। हालांकि आरोपी ने कथित रूप से उससे कहा कि अब वह उशकी पत्नी बन गई है, सब जज ने उसे भरोसा दिलवाया कि वह उसकी और उसकी बेटी की देखभाल करेगा। सब जज ने महिला से यह भी कहा कि वह पिछले सात साल से अपनी पत्नी से अलग रह रहा है और एक जज होने के नाते उसे पता है कि वह कैसे पीड़ित को अपनी शादी-शुदा पत्नी बता सकता है। कुछ महीनों के बाद डोडा के एक पंडित ने सब जज के एक घर में दोनों की शादी करवाई। इस दौरान सब जज का निजी सुरक्षा अधिकार और एक दोस्त भी मौजूद था।
इसके बाद दोनों पति-पत्नी के तौर पर लगभग 18 महीने साथ रहे। महिला ने बताया कि इस दौरान वह उसके साथ आधिकारिक दौरों पर भी गईं, महिला ने इसकी तस्वीरें भी शिकायत में लगाई है। पीड़ित की जिंदगी में तूफान तब आया जब सब जज की पहली पत्नी ने ही इस महिला से मुलाकात की और कहा कि उन दोनों के बीच सुलह हो गई है, इसलिए उसे अब अलग हो जाना चाहिए। पीड़ित का कहना है कि अब नगरोटा में अपनी बेटी के साथ रहती है और उसे लगातार धमकी मिल रही है।
