केरल के एक मंत्री अपने इस बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं कि सरकारी कार्यक्रमों एवं स्कूलों में कार्यक्रमों के दौरान दीप प्रज्ज्वलन और धार्मिक स्तोत्र पाठ से परहेज किया जाना चाहिए। लोक निर्माण मंत्री जी सुधाकरन ने रविवार शाम अलपुझा जिले के मुतुकुलम में ‘नमुक्कू जतिइल्ला’ सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘हमारे संविधान का कोई धर्म या जाति नहीं है। इसलिए सरकारी कार्यक्रमों या स्कूलों में कार्यक्रमों के दौरान पारंपरिक द्वीप प्रज्ज्वलित करने की कोई जरूरत नहीं है।’ माकपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य सरकार किसी विशेष जाति या धर्म का समर्थन नहीं करती। मंत्री ने यह भी दावा किया कि उन्होंने हाल ही में एक छात्रा को एक स्कूल कार्यक्रम में देवी की स्तुति में प्रार्थना करते हुए देखा था।उन्होंने कहा, ‘यद्यपि यह अनुचित है, राज्य में आजकल सरकारी कार्यक्रमों के दौरान धार्मिक प्रार्थना करना और द्वीप प्रज्ज्वलित करना आम परंपरा बन गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान देशभक्ति गीत गाए जाएं। मंत्री की इस बयान को लेकर कई लोगों ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणियां की।
केरल के मंत्री ने कहा- सरकारी कार्यक्रमों में दीप जलाना छोड़ें
हमारे संविधान का कोई धर्म या जाति नहीं है। इसलिए सरकारी कार्यक्रमों या स्कूलों में कार्यक्रमों के दौरान पारंपरिक द्वीप प्रज्ज्वलित करने की कोई जरूरत नहीं है।
Written by भाषा
तिरुवनंतपुरम

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First published on: 30-08-2016 at 02:48 IST