महाराष्‍ट्र सरकार के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने राज्‍य के सभी माध्‍यमिक स्‍कूलों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगवाने का फैसला किया है। महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की डिमांड पर राज्‍य सरकार ने यह फैसला लिया है।

एमएनएस की महिला विंग ने कई बार ये मशीनें लगाने और लड़कियों को मुफ्त में सैनिटरी नैपकीन उपलब्‍ध कराने की मांग की थी। इस मांग को लेकर पार्टी ने कई बार प्रदर्शन भी किया था। एमएनएस की जनरल सेक्रेटरी शालिनी ठाकरे ने कहा, ”स्‍कूल एजुकेशन के डिप्‍टी डायरेक्‍टर बीबी चव्‍हाण के साथ मुलाकात काफी अच्‍छी रही। वे स्‍कूल परिसरों में वेंडिंग मशीन लगवाने के लिए राजी हुए हैं। हालांकि, दुख की बात यह है कि वे अब तक क्‍या कर रहे थे? उन्‍हें यह कदम काफी पहले उठाना चाहिए था।” वहीं, चव्‍हाण ने कहा, ”एमएनएस का एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई। उनका प्रस्‍ताव बिलकुल सही था और इससे छात्राओं को लाभ मिलेगा। हम इसे जल्‍द से जल्‍द लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।” बता दें कि मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई को लेकर महिलाओं और लड़कियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के मुद्दे पर ठाकरे ने राज्‍य सरकार से कहा था कि वे शैक्षिक संस्‍थानों में इस बारे में जानकारी दें।

नवंबर 2014 में महाराष्‍ट्र के हायर एंड टेक्‍न‍िकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने निर्देश जारी करके डायरेक्‍टरेट ऑफ टेक्‍न‍िकल एजुकेशन (DTE) से कहा था कि वे राज्‍य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाएं। हालांकि, किसी कॉलेज ने ऐसा नहीं किया। एमएनएस की महिला विंग के प्रदर्शन और फरवरी में भेजे गए प्रस्‍ताव के मद्देनजर DTE ने सभी सभी इंजीनियरिंग और टेक्‍न‍िकल कॉलेजों को आदेश दिया कि वे कैंपस में सैनिटरी नैपकीन वेंडिंग मशीनें लगाएं।