Ajmer Dargah: संभल की जामा मस्जिद को लेकर उत्तर प्रदेश में मचे बवाल के बीच अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अब इस मामले पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने जजों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं।
रामगोपाल यादव ने कहा, ‘मैने पहले ही कहा था छोटे-छोट जज जो बैठे हुए हैं। वह इस देश में आग लगवाना चाहते हैं। इसका कोई मतलब नहीं हैं। अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री खुद चादर भिजवाते हैं। सारे देश और दुनिया भर के लोग यहां पर आते हैं। अब उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है। ये सत्ता में रहने के लिए बीजेपी समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में आग लग जाए इनको कोई मतलब नहीं है, पर सत्ता में बने रहें।’
अब कोई डेमोक्रेसी नहीं बची- रामगोपाल यादव
सपा के राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, ‘अब कोई भी डेमोक्रेसी नहीं बची है। मनमाने तरीके से डंडे और गोली के बल पर लोगों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है। ये संभल में तो कुंदरकी चुनाव पर चर्चा ना हो इसलिए यह सब किया गया है। चुनावों पर चर्चा से लोगों का ध्यान हटाने के लिए इन्होंने संभल का विवाद करवा दिया। उन्होंने कहा कि वहां पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन संभल के मामले में 100 फीसदी दोषी है और जिस दिन मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी तो बड़े-बड़े अधिकारी जेल चले जाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि आज फिर मैंने संभल मुद्दे पर सदन में नोटिस दिया है।
हर दूसरे दिन मस्जिदों और दरगाहों पर दावा होते देख रहे हैं
हिंदू पक्ष की याचिका मंजूर
राजस्थान के अजमेर में स्थानीय कोर्ट ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को मंजूर कर लिया है, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की तरफ से दायर की गई थी। हिंदू पक्ष ने याचिका के साथ में सबूत भी पेश किए हैं। इतना ही नहीं याचिका में उस जगह पर पूजा करने की भी इजाजत मांगी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि इसका एएसआई के द्वारा सर्वे किया जाए। दरगाह के पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया गया है। सर्वे होगा या नहीं, कोर्ट फैसला करेगा। न्यायालय इस मामले में जल्द फैसला लेगा। हिंदू सेना ने कहा कि दरगाह की जगह पर मंदिर था, इसलिए इसे मंदिर घोषित किया जाए। दरगाह समिति के अनाधिकृत कब्जे को भी हटाया जाए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…