अर्द्धसैनिक बलों में बहाली के लिए हो रही शारीरिक परीक्षा के दौरान सोमवार को छह और फर्जी अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया गया है। सीआईएसफ के कमांडेंट दिलीप कुमार के मुताबिक इनकी शिनाख्त राकेश कुमार, दीपक कुमार संजीव कुमार, बबलू कुमार , नीतीश कुमार और मिथुन राज के तौर पर हुई है। इन सभी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। इस तरह अबतक 31 जनों को फर्जी तरीके से शरीक होने के इल्जाम में गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह शारीरिक परीक्षा भागलपुर के कहलगांव एनटीपीसी में सीआईएसएफ ले रही है। इस सिलसिले में बहाली बोर्ड सदस्य ज्ञान सिंह भाटी ने चार अलग अलग प्राथमिकी थाना एनटीपीसी में दर्ज कराई है। ये सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट भी हैं। लड़कों की गिरफ्तारी से बहाली में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का सक्रिय होना भी जाहिर हुआ है । जो लिखित परीक्षा में आवेदक के बदले गिरोह के सदस्य शरीक होते है। और इसके एवज में हरेक से एक लाख रुपए तक की रकम वसूलते है।ऐसा दबोचे गए युवकों ने पूछताछ में बताया है।

यह शारीरिक परीक्षा कहलगांव एनटीपीसी के सीआईएसएफ कैंप में 13 अगस्त से शुरू हुई है जो एक महीने 13 सितंबर तक चलेगी। जिसमें तकरीबन सात हजार नौजवान हिस्सा लेंगे। ये सभी फरवरी और मार्च में हुई लिखित प्रतियोगी परीक्षा में सफल हुए है। इसी क्रम में ये 25 भी शारीरिक परीक्षा देने आए थे। मगर बायोमेट्रिक व दूसरी तकनीकी जांच के दौरान इनकी फोटो और अंगूठे के निशान मिलान करने पर इनके फर्जी होने का भेद खुला। सिस्टम से इनका फोटो और अंगूठे का निशान मेल नहीं खाया।

सहायक कमांडेंट भाटी के मुताबिक आरआरसी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल मोकामा से प्राप्त आवेदकों के फोटो और अंगूठे का निशान हाजिर हुए नौजवानों से अलग मिले। शनिवार को ऐसे फर्जी दस जनों को पकड़ा गया। इनमें समस्तीपुर का रोहित, कटिहार का पीटर, लखीसराय का संजीव, भागलपुर के नौगछिया रंगरा चौक का अखिलेश, कहलगांव के जीके अभिनव, परबत्ता का गुलशन, रजौन का बिट्टू, बेलहर का गौरव शेखपुरा का सूरज, और पश्चिम बंगाल का विनोद है।

इससे पहले शुक्रवार को छह जनें दबोचे गए थे। जिनमें जमुई का बिट्टू, समस्तीपुर का बिट्टू ठाकुर, शेखपुरा के गौतम, धर्मेंद्र, बांका का सोनू, लखीसराय का श्रवण है। 14 अगस्त को भी शारीरिक परीक्षा देने आए नौ अभ्यार्थियों को फर्जी होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस तरह 25 जनें अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

दिलचस्प बात यह है कि शारीरिक परीक्षा देने के लिए पहुंचे सभी आवेदक असली बताए जा रहे है। मगर लिखित परीक्षा फर्जीवाड़े के तहत किसी और ने दी। नतीजतन फोटो और अंगूठे के निशान उनके स्कैन होकर सिस्टम में आ गए। अब शारीरिक परीक्षा देने असली पहुंचे । जिनका लिखित परीक्षा में इनके बदले बैठे लड़कों का फोटो और अंगूठे के निशान सिस्टम पहचान नहीं पाया। मसलन फर्जीवाड़ा कई स्तर पर हुआ । यदि गिरफ्त में असली है तो लिखित परीक्षा में बैठे कौन थे? और सिस्टम की चूक और मिलीभगत की वजह से वे परीक्षा में बैठ बच निकलने में सफल रहे। जो जांच का विषय हो सकता है।

[bc_video video_id=”6073700610001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]

बहरहाल पुलिस इसके तह में जाने की कोशिश कर रही है। कमांडेंट दिलीप कुमार के मुताबिक इस प्रक्रिया के तहत बीएसएफ, एसएसबी, असम राइफल्स, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ में जीडी/आरक्षक के पद पर बहाली होती है। अभी पूरे देश के दूसरे सेंटरों पर यह प्रक्रिया चल रही है। जानकार बताते है कि भिलाई के सीआईएसएफ सेंटर पर भी 32 आवेदकों को फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मसलन गलत तरीके से बहाली कराने वालों का बड़ा गिरोह सक्रिय है।