मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में एक माह तक चलने वाले महाकुंभ सिंहस्थ मेले के दूसरे शाही स्नान के दिन सोमवार (9 मई) को यहां दोपहर बाद ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाओं के प्रतिकूल मौसम ने लोगों का मजा किरकिरा कर दिया। तेज हवाओं के कारण एक पेड़ गिर गया और उसकी चपेट में आने से तीन लोग घायल हो गए। पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने बताया, ‘‘सिंहस्थ मेले के बड़नगर इलाके में तेज हवाओं से एक पेड़ गिरा, उसकी चपेट में आने से तीन लोग घायल हो गये, संभवत: यह तीनों तीर्थयात्री थे। इसके अलावा मंगलनाथ क्षेत्र में तीन शिविर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

सोमवार (9 मई) दोपहर बाद यहां तेज हवाएं और बारिश होने से यह धार्मिक मेला दूसरी बार प्रभावित हुआ है। सिंहस्थ का शाही स्नान सोमवार (9 मई) तड़के यहां शुरू हुआ और मौसम का मिजाज दोपहर करीब तीन बजे बिगड़ना शुरू हुआ। तेज बारिश और ओलों से बचने की लिये शाही स्नान में शामिल होने आये श्रद्धालुओं की भीड़ आश्रय पाने के लिये इधर-उधर भागती रही।

जिला कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने बताया, ‘‘किसी जनहानि और संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है। हम सभी क्षेत्रों से जानकारी हासिल कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में ओले भी गिरे हैं। उन्होंने दावा किया कि सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान के मौके पर शहर में मौसम बिगड़ने से पहले लगभग 30 लाख श्रद्धालु क्षिप्रा नदी में पवित्र स्नान कर चुके थे।

आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए सिंहस्थ में आए हिन्दू श्रद्धालुओं को बारिश के दौरान तोपखाना स्थित हरी मस्जिद में भी रुकने का इंतजाम किया गया है। गत पांच मई को मेला क्षेत्र में आंधी आने और बारिश होने से सात लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 90 लोग घायल हो गए। मौसम की मार से मेला क्षेत्र में लगाए गए श्रद्धालुओं अ‍ैर विभिन्न अखाड़ों के कई अस्थाई तम्बू, पंडाल, और शिविरों के भव्य द्वार धराशाही हो गए थे और पूरा मेला क्षेत्र में कीचड़ व्याप्त हो गया था।

इस ऐतहासिक शहर में दोपहर बाद शुरू हुई बारिश कई घंटों तक जारी रही। सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब यहां उमड़ा हुआ है। यह स्नान अक्षय तृतीया के साथ पड़ने की वजह से और भी अधिक शुभ माना जा रहा है।

सिंहस्थ मेले का दूसरा शाही स्नान सोमवार (9 मई) तड़के शुरू हो गया। इस शाही स्नान की शुरूआत करते हुए जूना अखाड़ा के नागा बाबाओं ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए पवित्र क्षिप्रा नदी में प्रवेश किया। स्नान की शुरुआत जूना अखड़ा के पुजारी हरि गिरी द्वारा रामघाट पर पूजा अर्चना के साथ हुई।

सिंहस्थ मेले में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस पवित्र शहर में जुटे हैं। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। उज्जैन को देश में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और भगवान महाकालेश्वर का निवास भी माना जाता है।

इस बार, मेला क्षेत्र में किन्नरों ने भी अपना अखाड़ा बनाया है और उन्होंने शहर में एक जुलूस भी निकाला। इस जुलूस का लोगों ने भव्य स्वागत किया। हालांकि किन्नरों ने भी सोमवार (9 मई) शाही स्नान करने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने इसे 12 मई तक के लिए टाल दिया है।