दिल्ली के रोहिणी के विजय विहार इलाके में ब्रह्मशक्ति अस्पताल की तीसरी मंजिल स्थित आइसीयू में शनिवार तड़के आग से एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई, जबकि आग से बचने के लिए अस्पताल की तीसरी मंजिल से दूसरी मंजिल पर छलांग लगाने वाले एक डॉक्टर का पैर टूट गया। वहीं अस्पताल की तीसरी मंजिल के वेंटीलेटर कमरे में फंसे 18 मरीजों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। दिल्ली अग्निशमन की दस दमकल और बचाव कर्मियों ने करीब दो घंटे में आग पर काबू पाया। इस दौरान पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मची रही। आशंका जताई जा रही है कि शार्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी। पुलिस ने थाना विजय विहार में धारा 285/287/304 के तहत मामला दर्ज किया है।
दिल्ली के रोहिणी स्थित ब्रह्म शक्ति अस्पताल में बीते छह महीनों से कोई चिकित्सा अधीक्षक ही नहीं है। आग लगने पर अस्पताल के आपातकालीन दरवाजों पर ताले जड़े हुए मिले। अस्पताल में अग्निशमन सहित कई मानकों में खामियां उजागर हुई हैं। अस्पताल को पंजीकरण नवीनीकरण के दस्तावेज एक हफ्ते पहले मिले हैं। इस अस्पताल में आग लगने से एक मरीज की मौत हो गई है।
ब्रह्म शक्ति अस्पताल में अग्निशमन के उपाय नाकाफी हैं। मरीजों के मुताबिक आपातकालीन दरवाजों पर ताले लगे होने के कारण उन्हें खासी परेशानी उठानी पड़ी। अस्पताल को चलाने के लिए सबसे अहम शर्त है कि अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक हो। लेकिन इस अस्पताल में पिछले करीब छह महीनों से कोई चिकित्सा अधीक्षक नहीं है। अस्पताल को गैर चिकित्सा क्षेत्र के अधिकारी (महानिदेशक) संचालित कर रहे हैं।
यह लिफ्ट करीब 15 साल पुरानी है और आए दिन फंस जाती है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक बेसमेंट में लंबे समय से पानी भरा था। अस्पताल का जेनरेटर पुराना है। इसके अलावा अस्पताल के ठीक पीछे कूड़ा जलता रहता है। यह धुआं मरीजों तक भी पहुंचता रहा है। अस्पताल के एमडी संदीप से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
कोरोनाकाल में सरकार ने तय किया कि 50 से अधिक बिस्तरों वाले अस्पताल में आक्सीजन संयंत्र हो लेकिन अभी तक इस अस्पताल में आक्सीजन संयंत्र नहीं लगा है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ आने वाले समय मेंं कोरोना की अगली लहर की आशंका जता रहे हैं।
अस्पताल के पंजीकरण का नवीनीकरण भी लंबे समय तक नहीं हुआ था। तय नियमों को पूरा नहीं करने के कारण अस्पताल के पंजीकरण का नवीनीकरण लटका रहा था। अस्पताल को प्रमाणपत्र एक हफ्ते पहले ही मिला है। अस्पताल की लिफ्ट का दरवाजा शटर वाला है। अस्पताल में शटर के दरवाजे वाली लिफ्ट की मनाही है। अस्पताल में स्वचालित दरवाजे वाली लिफ्ट होनी चाहिए।