बिहार के वरिष्ठ नौकरशाह केके पाठक ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कानूनी नोटिस भेजा है। बिहार के उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने अपने वकील संजय सिंह के माध्यम से मंगलवार (17 मई) को सुशील को जारी कानूनी नोटिस में उनसे 15 दिनों के भीतर अपनी टिप्पणी या फिर मीडिया द्वारा अपनी ओर से ऐसी बात लिखी गई को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। एक अखबार में गत पांच मई को प्रकाशित एक खबर को अभद्र, गैर-कानूनी और अपमानजनक बताते हुए पाठक ने कहा है कि इस टिप्पणी से उनकी भावना और गौरव को ठेस पहुंची है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश में शराबबंदी को कड़ाई से पालन कराने के लिए पाठक की कथित तौर पर मानसिक हालत की जांच की आवश्यकता को लेकर टिप्पणी की थी।

उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव ने उनके खिलाफ निरंकुश, सनकी आदि शब्दों के प्रयोग किए जाने को उद्धरित करते हुए कहा है कि वह एक लोक सेवक हैं और उनका काम जनता की बेहतरी और सुरक्षा के लिए होता है और कार्रवाई हमेशा सरकार और अदालत के अधीन होता है। उन्होंने कहा कि सर्विस रूल में कार्यरत नौकरशाहों की सालाना चिकित्सकीय जांच का प्रावधान है। जिसकी जानकारी सुशील जी को होगी। क्योंकि वह बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और विधि मंत्री सहित अन्य मंत्री पद पर कार्यरत रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में 5 अप्रैल को लागू की गई पूर्ण शराबबंदी, जिसके तहत शराब और ताड़ी का कारोबार और सेवन प्रतिबंधित है। इसके कड़ाई से पालन किए जाने को लेकर पाठक विपक्ष के निशाने पर रहे हैं।