यहां के एक सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की अदालत ने अतिक्रमण के मामले में भगवान हनुमान समेत कई लोगों को समन जारी कर दिया। कोर्ट ने अब अपनी गलती सुधार ली है। हालांकि, कोर्ट ने इसे लिपिकीय गलती (clerical mistake) ठहराया है।
सिंचाई विभाग की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम की अदालत ने पांच फरवरी को भगवान हनुमान और दूसरे लोगों को समन भेजा। इस याचिका में दावा किया गया था कि भगवान हनुमान, साईं बाबा और अन्य सौ लोगों ने रोहतास जिले स्थित देहरी ओन सोन कस्बे में जमीन पर कब्जा किया है। कोर्ट ने इस मामले की आगे की सुनवाई के लिए 16 फरवरी की तारीख तय की। हालांकि, जैसे ही हनुमान जी को समन जारी की बात प्रकाश में आई, एसडीएम पंकज पटेल ने बुधवार को नया आदेश जारी किया। उन्होंने पिछले आदेश को लिपिकीय भूल करार दिया। पटेल ने कहा, ”भगवान को कोई नोटिस जारी नहीं किया जा सकता और न ही उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा जा सकता है।” कोर्ट ने इस मामले में मंदिर के पुजारी से जवाब मांगा। वहीं, कोर्ट के पुजारी ने 16 फरवरी को कोर्ट में पेश होकर कहा कि मंदिर 70 के दशक से है और सिंचाई विभाग की जमीन पर कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही बिहार के सीतामढ़ी में कोर्ट में याचिका दायर करके भगवान राम पर केस करने की डिमांड की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भगवान राम ने बिना किसी गलती के सीता को जंगल भेजकर जुल्म किया। हालांकि, कोर्ट ने इस याचिका को रद्द कर दिया था।