जहां एक तरफ छेड़खानी और गलत हरकत से क्षुब्ध होकर छात्राएं आत्महत्या कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को झांसी विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास में बीएससी की एक छात्रा ने फांसी के फंदे पर लटक कर इसलिए जान दे दी क्योंकि उसे कोई ‘पसंद’ नहीं करता था। झांसी शहर के पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र सिंह परिहार ने बुधवार को बताया, “पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित छात्रावास में बीएससी की छात्रा स्मृति सचान ने अपने कमरे में पंखे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसके पास से बरामद सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘उसे कोई पसंद नहीं करता, कोई दोस्त नहीं है, पढ़ने में भी ठीक नहीं है।’ इसलिए दुनिया छोड़कर जा रहे हैं।”
क्षेत्राधिकारी ने प्रवक्ता राकेश सैनी के हवाले से कहा, “पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित श्रेणी के महिला छात्रावास के कमरे में रह रही कानपुर देहात की छात्रा स्मृति सचान का मंगलवार को जब देर तक दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में दरवाजा तुड़वा दिया, जहां छात्रा पंखे से फंदा बनाकर फांसी पर लटकी हुई मिली।
उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने लिखा है ‘हमें कोई पसंद नहीं कर रहा, हमारा कोई दोस्त नहीं है, पढ़ाई में भी ठीक नहीं हूं, इसलिए दुनिया छोड़कर जा रहे हैं। पुलिस ने घटना की सूचना छात्रा के परिजनों को दे दी है और उनकी मौजूगी में शव का पोस्टमॉर्टर्म कराया गया है।
