उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल से बंद पड़े मंदिर के पास कुएं की खुदाई के दौरान एक खंडित मूर्ति मिली है। इस मां पार्वती की मूर्ति बताया जा रहा है। हाल ही में प्रशासन ने इस मंदिर को अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान खोला था। सोमवार को जलाभिषेक के लिए जब श्रद्धालु पहुंचे तो उन्हें खंडित मूर्ति मिली। हालांकि इस प्रतिमा को पुलिस अपने साथ लेकर चली गई है। मूर्ति को स्थानीय पुलिस के आला अधिकारी थाने में लेकर चले गए हैं। बता दें कि एक के बाद एक तीन मूर्तियां निकली हैं। इस कुएं की करीब 20 फीट तक खुदाई हो चुकी है।

बता दें कि शनिवार को प्रशासन ने अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चलाया था। इसमें 1978 से बंद एक मंदिर मिला। प्रशासन ने जब इसका ताला खुलवाया तो इसमें शिव और हनुमान की प्राचीन मूर्ति मिली। प्रशासन ने साफ-सफाई कराई। इसके बाद यहां पूजा-अर्चना भी शुरू हो गई। इस मंदिर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। सोमवार को यहां श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान यह मूर्तियां बरामद हुई हैं।

मूर्तियों को जांच के लिए भेजा गया

मूर्तियां मिलने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर एडिशनल एसपी श्रीशचंद्र और सीओ अनुज चौधरी पहुंचे। उन्होंने कहा कि इन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल, इसे प्रशासन को सौंप दिया गया है। अब इसकी जांच की जाएगी। स्थानीय लोगों का दावा है कि सांप्रदायिक दंगों और हिंदू आबादी के विस्थापन के कारण ये मंदिर 1978 से बंद पड़ा था। यह प्राचीन मंदिर 400 साल पुराना बताया जा रहा है। यह कार्तिक शंकर मंदिर है।

मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की मांग

संभल में मिले प्राचीन शिव और हनुमान मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की गई है। डीएम राजेंद्र पेंसिया ने अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने एएसआई के पत्र लिखा है। मंदिर की कार्बन डेडिंग से इसकी सही उम्र का पता चल सकेगा। बता दें कि खग्गू दीपा सराय में स्थित 46 साल से बंद पड़े इस मंदिर में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही मंदिर में आरती हुई और और मंत्रों का उच्चारण की गूंज उठा। 46 सालों से बंद पड़ा यह मंदिर उस समय बंद कर दिया गया जब दंगों के बाद हिंदू परिवार यहां से पलायन कर गए और खुद ही ताला डालकर चले गए।

जामा मस्जिद से 1 KM है दूरी

मंदिर के पुजारी महंत आचार्य विनोद शुक्ला ने बताया कि श्रद्धालुओं ने मंदिर में आना और पूजा-अर्चना करना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के बारे में पहले सुना था। 46 साल पहले तक यहां लगातार पूजा होती थी। यह मंदिर जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में ही 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद हिंसा हुई थी। आगे पढ़ें संभल मंदिर में कार्बन डेटिंग की मांग क्यों की जा रही है।