दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन से जुड़े एक मामले में आरोपों का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा को सोमवार को छह सप्ताह की विदेश यात्रा की अनुमति दे दी। विशेष न्यायाधीश अरविन्द कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा को छह सप्ताह के लिए अमेरिका और नीदरलैंड की यात्रा करने की अनुमति प्रदान कर दी और उन्हें यात्रा कार्यक्रम सौंपने का निर्देश दिया। अदालत ने वाड्रा को हालांकि लंदन जाने की अनुमति नहीं दी। वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने दलीलों के दौरान अदालत से कहा कि यदि प्रवर्तन निदेशालय को आपत्ति है तो वाड्रा अपने पूर्व के निवेदन के अनुरूप लंदन नहीं जाएंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अधिवक्ता नितेश राणा ने वाड्रा की उस याचिका का विरोध किया था जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख करते हुए ब्रिटेन और अन्य देशों की यात्रा की अनुमति मांगी थी। वाड्रा लंदन के 12 ब्रेयंस्टन स्क्वेयर क्षेत्र में 19 लाख पाउंड मूल्य की संपत्ति खरीदने को लेकर धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

इससे पहले खबर मिली थी वाड्रा शुक्रवार (31मई) को पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वाड्रा खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए। जांच एजेंसी ने अब उन्हें चार जून को पेश होने के लिए कहा है।
वाड्रा से गुरुवार को करीब पांच घंटे तक पूछताछ हुई थी और मामले के जांच अधिकारी ने धनशोधन रोकथाम कानून के तहत उनका बयान दर्ज किया था।
सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में वाड्रा ने कल लिखा था कि वह 11वीं बार जांच एजेंसियों के सामने पेश हो रहे हैं और उनसे 70 घंटे से अधिक की पूछताछ की जा चुकी है।

वाड्रा ने कहा, ‘‘भारतीय न्यायपालिका में मेरा विश्वास कायम है। मैंने सरकारी एजेंसियों के सारे समन/नियमों का पालन किया है और करूंगा। मैंने 11 बार अपने बयान दर्ज कराए हैं, जिसमें मुझसे 70 घंटे से अधिक की पूछताछ की गई है। मैं भविष्य में भी सहयोग करूंगा और तब तक करूंगा जब तक मुझे सारे गलत आरोपों से मुक्त नहीं कर दिया जाता।’’ इस मामले के अलावा वाड्रा राजस्थान के बीकानेर में जमीन आवंटन में हुई कथित अनियमितता से जुड़े धनशोधन के एक अन्य मामले में भी कई बार पूछताछ का सामना कर चुके हैं।