राजस्थान सरकार ने वहां के स्टूडेंट्स को नोटबंदी के बारे में ज्यादा जानकारी देने का फैसला किया है। इसके लिए स्टूडेंट्स के स्लेबस में नोटबंदी के लाया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि राजस्थान बोर्ड ऑफ सेंकेंड्री एजुकेशन इस चीज के लिए तैयारी कर रही है। अगले साल से 12वीं के बच्चों की पढ़ाई में नोटबंदी को डाला जाएगा। RBSE के चेयरपर्सन बीएल चौधरी ने कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि स्कूल के बच्चे नोटबंदी के विषय में ज्यादा कुछ नहीं जानते। उन्हें नहीं पता कि असल में क्या हुआ था। वे लोग कैशलेस सोसाइटी और इकनॉमी के फीचर्स के बारे में भी ज्यादा नहीं जानते।’
बीएल चौधरी ने आगे कहा, ‘हम लोग अर्थशास्त्र में नोटबंदी के चैप्टर को डालेंगे। इसके लिए हमने अर्थशास्त्र और कंप्यूटर साइंस के टीचर्स को लगा दिया है। वे लोग स्टूडेंट्स को नोटबंदी और कैशलेस सासाइटी के फायदे-नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
हालांकि, विपक्षी पार्टी कांग्रेस को वसुंधरा सरकार का यह फैसला पसंद नहीं आया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ने नोटबंदी को किताब में शामिल करने के फैसले को हास्यास्पद बताया।
मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था। उस रात से 500 और 1000 के नोटों को अमान्य घोषित करके चलन से बाहर कर दिया गया था। इसके अलावा 500 और 2000 के नए नोटों को चलन में लाया गया था। पुराने नोटों को चलाने या बैंक में जमा करवाने के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया गया था।
नोटबंदी का ऐलान पीएम मोदी ने खुद टीवी पर आकर किया था। उन्होंने कहा था कि इससे कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। हालांकि, मिले आंकड़े इससे उलट रहे। कुछ ही दिनों में 2000 के नकली नोट पकड़े जाने लगे हैं। इसके अलावा कहा गया कि जितना पैसा चलन से बाहर हुआ था लगभग वह सारा बैंकों में जमा हो गया। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोई काला धन नहीं पकड़ा गया।

