राजस्थान के नया गांव को कागजों में कैशलेस घोषित किया जा चुका है लेकिन वहां के हालात कुछ और ही हैं। नया गांव अजमेर के पास पड़ता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कागजों में कहा गया है कि गांव में पांच पीओएस मशीन लगाई गई हैं और सभी स्मार्ट फोन्स में बैंकों के ऐप डाल दिए गए हैं। लेकिन जहां कागजों पर यह सब ठीक लगता है वहीं असल स्थित यह है कि गांव में इंटरनेट की कनेक्टिविटी ही नहीं है। इसके अलावा गांव को मिली PoS मशीनें भी काम नहीं कर रही हैं। गांव को लगभग दो हफ्ते पहले डिजिटल घोषित किया जा चुका है लेकिन अब भी गांव के लोगों को पैसे निकालने के लिए तीन किलोमीटर दूर हरमारा शहर जाना पड़ता है।
हैरान करने वाली बात यह है कि गांव में कैशलेस हो जाने के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए हैं। सबपर लिखा है कि वहां के लोग कैशलेस हो गए हैं। गांव में तकरीबन 250 घर हैं जिनमें लगभग 1600 लोग रहते हैं। ज्यादातर लोग खेती करते हैं। किसानों को भी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जितने पैसों की जरूरत होती है उतने निकालने के लिए तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गांववालों का कहना है कि बैंक वालों ने 17 दिसंबर को वादा किया था कि जल्द ही उनके गांव में एटीएम लग जाएगा, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हुआ है। गांववालों के पास एटीएम, रूपे कार्ड तो हैं लेकिन उनका कोई इस्तेमाल नहीं है।
दरअसल नोटबंदी के बाद पीएम मोदी ने सभी लोगों से कैशलेस हो जाने को कहा। इसके लिए राज्यों में होड़ लग गई कि वे सबसे पहले कैशलेस बनकर अपनी सीना ठोक सकें।
