राजस्थान में बिकानेर के वैटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा एक नई पहल की गई है। छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा लड़कों और लड़कियों के अलग-अलग वाहट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि कोई भी लड़का लड़कियों के फोन नंबर का गलत रुप से इस्तेमाल न कर सके। इस मामले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए यह उपाय एक दम सही है। विश्वविद्यालय ने प्रत्येक डिग्री वाले कोर्स के लड़कें और लड़कियों के अलग-अलग ग्रुप बनाए हैं।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार विश्वविद्यालय के उपकुलपति और प्रोफेसर ए. के. गहलोत ने बताया कि क्लास के काम को लेकर शिक्षकों द्वारा छात्रों को सूचना दी जाती है जिसके लिए वाहट्सअप ग्रुप बनाया जाता है जिसमें लड़कों और लड़कियों दोनों को शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमने इस बार लड़कों का अलग ग्रुप बनाया है और लड़कियों का अलग ग्रुप बनाया है। ऐसा करने की जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि शिक्षकों को ड़र था कि कहीं एक ही ग्रुप रहने से लड़के-लड़कियों का फोन नंबर ग्रुप से लेकर उन्हें परेशान न करने लगें। प्रोफेसर ने बताया कि अभी हाल ही में एक मामला सामने आया था जिसमें एक फोन रिचार्ज की दुकान चलाने वाले व्यक्ति द्वारा फोन रिचार्ज कराने गई छात्रा का फोन नंबर किसी लड़के को दे दिया गया। उस लड़के ने छात्रा को फोन करके और मैसेज में अश्लील बातें करके काफी परेशान किया था। प्रोफेसर का कहना है कि अलग-अलग ग्रुप बनाने से छात्राओं को कोई परेशान नहीं कर पाएगा।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ परवीन बिशनोई ने बताया कि हर कोर्स के हर ग्रुप में विश्वविद्यालय के उपकुलपति, डीन, अकेडमिक कॉरडिनेटरस् को ग्रुप का एडमिन बनाया गया है। इन ग्रुप में कोर्स से जुड़े शिक्षकों को भी ग्रुप का हिस्सा बनाया गया है। वहीं इस मामले पर छात्रों का कहना है कि इससे पहले कभी ऐसा हुआ तो नहीं है कि किसी लड़के ने किसी लड़की को परेशान किया हो लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा उठाए गए इस कदम से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।