गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का फैसला देने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश चन्द्र शर्मा ने देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर पर कुछ अलग विचार दिये हैं। अपने करियर के आखिरी दिन जज महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि मोर के बारे में अपनी राय रखी और कहा कि हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी ब्रह्मचारी है और कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता है। जज महेश चन्द्र शर्मा बुधवार (31 मई) को सेवानिवृत हो गये हैं। गाय पर अपना फैसला देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जो मोर है, ये आजीवन ब्रह्मचारी है, कभी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता है, इसके जो आंसू हैं मोरनी उसे चुगकर गर्भवती होती है, और मोर या मोरनी को जन्म देती है।’
Rajasthan HC recommends declaring cow the 'national animal' ; appoints chief secy, AG to take it up with centre @IndianExpress pic.twitter.com/atraMy9OS3
— Mahim Pratap Singh (@mayhempsingh) May 31, 2017
जज महेश चन्द्र शर्मा ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के पीछे अपना तर्क देते हुए कहा कि नेपाल एक हिन्दू देश है और वहां पर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। जबकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारी खेती जानवरों पर आधारित है। महेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि संविधान की धारा 48 और 51 (जी) के मुताबिक राज्य सरकार से ये अपेक्षा की जाती है कि वो गाय को कानूनी संरक्षण दें। उन्होंने कहा कि सरकार से ये अपेक्षा की जाती है कि वे गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, इसी उद्देश्य के लिए राज्य के मुख्य सचिव और महाधिवक्ता को गाय का कानूनी संरक्षक नियुक्त किया गया है। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से संबंधित फैसले में उन्होंने 145 पन्ने का लिखित आदेश दिया है।
#WATCH Jaipur: Peahens and peacocks don't have sex, the peacock cries then peahen drinks those tears and gets pregnant-Justice M Sharma pic.twitter.com/Tph1lzNZqD
— ANI (@ANI) May 31, 2017
बता दें कि इंटरनेट में मोर और मोरनियों की यौन क्रियाओं से जुड़ी कई धारणाएं और कहानियां भरी पड़ी है।लेकिन ऐसी धारणाओं के विपरित मोर और मोरनी भी दूसरे सामान्य पक्षियों की तरह यौन क्रिया में शामिल होते हैं।
