राजस्थान के बाड़मेर जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को मार्शल आर्ट सिखाने की तैयारी चल रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को अपनी आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह पहल सर्व शिक्षा अभियान के तहत की गई है। इसके साथ ही जिले के सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को भी मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी। मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने के लिए पहले जिले के 20 स्कूलों का चुनाव किया गया है। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा उठाए गए इस कदम से छात्राएं अपनी आत्मरक्षा करने में निपुण होंगी और इसके साथ ही वे मनचलों को सबक सिखाने में भी सक्षम होंगी।

इसके लिए जिले के विभिन्न स्कूलों की 6 शिक्षिकाओं को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी गई है। इनके अलावा पिछले साल मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले चुकी 10 शिक्षिकाएं भी छात्राओं को ट्रेनिंग देंगी। तीन महीनों में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर छात्राओं को अपनी आत्मरक्षा करने के लिए सक्षम बनाया जाएगा। मार्शल आर्ट सीखने के बाद वह छात्राएं भी मजबूत बन जाएंगी जो डरी-सहमी सी रहती है। इसकी शुरुआत जिले के 6 छात्रावास और 20 स्कूलों से की जा रही है। पहले चरण में जिले के प्रत्येक ब्लॉक के 20-20 स्कूलों का चुनाव किया गया है जिसमें एक शिक्षिका पांच स्कूलों में जाकर छात्राओं को ट्रेनिंग देगी।

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने इतना सराहनीय कदम इसलिए उठाया है क्योंकि राज्य में महिलाओं और छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसे आपराधिक मामले बढ़ते जा रहे हैं। वसुंधरा सरकार का मानना है कि इस अभियान के बाद छात्राओं में आत्मविश्वास जगेगा और वे अपनी आत्मरक्षा करने और मनचलों को सबक सिखाने में निपुण होंगी। वहीं सरकार के इस अभियान से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि मार्शल आर्ट सीखने से हमें आत्मरक्षा में काफी मदद मिलेगी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आए दिन मनचले हमें छेड़ते रहते हैं और हमसे अश्लील बातें भी करते है लेकिन अब मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने के बाद हम मनचलों को अच्छे से सबक सिखा सकेंगे।