बारिश शुरू होने के साथ ही मौसमी बीमारियों की शुरुआत हो जाती है। इन बीमारियों की रोकथाम और बचाव के उपायों पर स्वास्थ्य विभाग दो महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर देता है लेकिन इस बार विभाग का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है। बारिश के बाद बदलते मौसम के साथ ही वायरल, डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी बीमारियों का राजस्थान में प्रकोप बढ़ जाता है। राजधानी जयपुर के साथ ही कई शहरी और ग्रामीण इलाकों में जल भराव के कारण मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। दूसरी ओर, स्वास्थ्य महकमा अभी डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मचारियों के तबादलों में ही लगा हुआ है। इससे सरकारी अस्पतालों में हालत दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं।

राजस्थान में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की मौसमी बीमारियों से निपटने की तैयारियां आधी अधूरी रहने से लोगों की सेहत से खिलवाड़ होने के आसार बन गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो बारिश शुरू होने के बाद से अब तक डेंगू के 762, स्वाइन फ्लू के 793 और मलेरिया के 14 मरीजों की पुष्टि अकेले जयपुर शहर में ही हो गई है। इसके अलावा प्रदेश के सरकारी और निजी चिकित्सा केंद्रों पर वायरल बुखार से पीड़ितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के मई और जून में चले अभियान में ही सामने आया कि प्रदेश में साधारण बुखार से दस लाख लोग बीमार है। विभाग का दावा है कि जयपुर जिले में ही 4660 टीमों के जरिये तीन दिन में 4 लाख 50 हजार घरों का सर्वे किया जा चुका है।

प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग तो बीमारियों का मौसम शुरू होने के साथ ही कागजों में कार्ययोजना बना लेता है लेकिन उसे धरातल पर लागू नहीं करा पाता। इसके लिए विभाग के पास अतिरिक्त बजट का आबंटन भी हो जाता है। पर आम आदमी तक उसका लाभ नहीं पहुंच पाता। ज्यादातर शहरों में कीटनाशक के छिड़काव की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों पर होती है। जयपुर शहर में कई जगह अभी गड्डों में पानी भरा हुआ है और उनमें मच्छर पनप रहे हैं। इन जगहों पर साफ-सफाई और एंटी लार्वा के छिड़काव पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। जयपुर के 95 वार्डों में जल भराव वाले स्थानों पर छिड़काव के लिए 25 कर्मी भी विभाग के पास नहीं है। जयपुर नगर निगम के पास पर्याप्त संख्या में धूमन (फोगिंग) मशीनें तक नहीं हैं। ऐसे में लोगों को मौसमी बीमारियों से बचा पाना स्वास्थ्य महकमें की तैयारियों पर सवालिया निशान लगाता है।

डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकें, इसके लिए विभाग ने एक महीने पहले बैठक कर कार्य योजना तैयार कर ली है। विभाग ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में लार्वा रोधी छिड़काव करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जयपुर शहर और जिले के सभी प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों पर एंटी लार्वा छिड़काव कराए जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाएं मुहैया करा दी गई हैं। इसके अलावा मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाने का फैसला किया गया है। -नरोत्तम शर्मा, मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी, जयपुर