लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश प्रमुख सचिव पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। यह मतभेद सोमवार (3 जून, 2019) को उस वक्त सार्वजनिक हो गए जब सीएम गहलोत ने साफ कह दिया कि आम चुनाव में उनके बेटे की हार की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख और उप मुख्यमंत्री सचिव पायलट को लेनी चाहिए। हालांकि सचिन पायलट ने उनके इस बयान पर हैरानी जताते हुए कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
हिंदी न्यूज चैनल एबीपी को दिए साक्षात्कार में गहलोत ने कहा, ‘पायलट साहब ने कहा था कि मेरा बेटा वैभव गहलोत जोधपुर से बड़े अंतर से जीतेगा। इस लोकसभा क्षेत्र में हमारे छह विधायक हैं और हमारा चुनावी प्रचार भी वहां शानदार रहा। इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें (पायलट) को कम से कम इस सीट की जिम्मेदारी लेने चाहिए। जोधपुर संसदीय सीट का पूरा पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए कि आखिर हम वहां जीते क्यों नहीं?’
राजस्थान सीएम ने आगे कहा कि पायलट ने मुझसे कहा था कि हम जोधपुर सीट जीत रहे हैं। इसलिए वैभव को पार्टी से टिकट मिला। हम 25 की 25 सीटें हार गए। इसमें अगर कोई कहता है कि सीएम या पीसीसी को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए तो मेरा मानना है कि ये सब की जिम्मेदारी है।
अपने डिप्टी सीएम पर गहलोत द्वारा हमले ऐसे समय में किए गए जब पायलट समर्थक पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं कि मुख्यमंत्री की कार्यशैली प्रदेश में कांग्रेस की करार हार का मुख्य कारण थी।
गौरतलब है कि गहलोत के पुत्र वैभव केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चार लाख वोटों के अंतर से हारे चुनाव हर गए। यहां तक कि सरदापुरा विधानसभा क्षेत्र में, जो 1998 से गहलोत की सीट रही है और जब वे पहली बार प्रदेश के सीएम बने, वैभव लगभग 19,000 वोटों से पीछे थे।