राजस्थान की रहने वाली 17 साल की अनीता ने लड़के द्वारा की जाने वाली छेड़खानी से बचने के लिए जूडो-कराटे सीखें। जब अनीता जूडो-कराटे सीख रही थीं तो उन्हें नहीं मालूम था कि यह उसे फेम भी दिलवा सकता है। राज्य के भरतपुर जिले के कंजोली गांव की रहने वाली अनीता के माता-पिता नहीं है। अनीता के माता-पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी। इसके बाद इसके छोटे दो भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी इस पर ही आ गई। अनीता ही अपने छोटे भाई-बहनों को पढ़ा रही हैं। अनीता जूडो में गोल्ड मैडल विजेता हैं। अब वे फरवरी में मलेशिया इंटरनेशनल जूडो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रही हैं।
बीए की छात्रा अनीता का कहना है कि जब वह 10वीं कक्षा में पढ़ने के लिए भरतपुर आईं तो उसके साथ लड़कों ने छेड़छाड़ की। जब वह स्कूल जा रही थी तो लड़कों ने रास्ते में उस पर कमेंट किए और उसकी साइकिल पकड़ ली। इसके बाद वह इतनी डर गई कि वह दो दिनों तक स्कूल नहीं जा पाईं। लेकिन जब एक दिन एक जूडो-कराटे एकेडमी लड़कियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने स्कूल आई तो अनीता ने देखा कि ये लोग लड़कियों को छेड़छाड़ और अन्य हमलों से बचाने के गुर सिखा रहे हैं। इसके बाद अनीता ने भी जूडो की क्लास लेना शुरू कर दिया।
अब अनीता चार-पांच लड़कों को अकेले ही पटखनी दे देती हैं। अब अनीता के छोटे भाई-बहन भी जूडो सीख रहे हैं। इसके बाद से अनीता अब तक कई जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। वह अभी तक आठ गोल्ड मैडल जीत चुकी हैं।
अनीता ने पिछले साल हरिद्वार में राष्ट्रीय जूडो प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने अंडर-17 के 61 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड मैडल जीता था। इसी दौरान इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से उनका चयन मलेशिया में होने वाली इंटरनेशनल जूडो प्रतियोगिता के लिए हुआ।

