मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार करना जरूरी होता है यह बात बताने की जरूरत नहीं। वहीं अंतिम संस्कार करना किसी के लिए कितना मुश्किल हो सकता है इस बात का अंदाजा इस गांव की स्थिति के बारे में जानकर लगा सकते हैं। राजस्थान के रावत बस्ती इलाके के भिंडर पंचायत समिती के लोग अपने किसी परिजन की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कई परेशानियों का सामना करते हैं। यहां के लोगों को अपने प्रियजनों की अंत्येष्टि के लिए 30 किलोमीटर का सफर तय कतना पड़ता है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक अंत्येष्टि के लिए बनाए गए श्मशान तक पहुंचने के लिए लोगों को नदी पार करके जाना पड़ता है। लोगों को अपने कंधों पर अर्थी रखकर न सिर्फ जमीन पर बल्कि पानी में भी चलना पड़ता है।
इलाके की बेडच नदी अमूमन साल के ज्यादातर दिन शांत बनी रहती है लेकिन बिना किसी किश्ती के सहारे के बिना, अर्थी को अपने कंधों पर रखकर नदी पार करना कम खतरनाक काम नहीं है। रावत बस्ती नाम के इस गांव में 150 परिवार रहते हैं। खबर के मुताबिक गांव के लोग काफी समय से नदी पर एक पुल बनाने की मांग उठाते रहे हैं लेकिन राज्य सरकार को इस पर कोई फैसला लेना बाकी है। वहीं इलाके में स्थित महाराजा की केड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच निर्मल जैन ने गांव की ऐसी स्थिति को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया, “यहां पर एक पुल बनाने की सख्त जरूरत है। इससे गांव के लोगों को काफी राहत पहुंचेगी। मैंने कई बार प्रशासन को इसकी शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है।”
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार का दावा है कि उसने कई गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विकास कार्यों को तेजी से पूरा किया है लेकिन खबर के मुताबिक दक्षिण राजस्थान के ऐसे कई गांव हैं जहां मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है। इलाके में कई ऐसे गांव मौजूद हैं जहां पर पक्की सड़कें और बिजली के कनेक्शन नहीं पहुंचे हैं।

