गुजरात सीमा से सटे राजस्थान के जालोर जिला मुख्यालय पर चार जिलों के किसानों के बेमियादी महापड़ाव से प्रशासन सकते में आ गया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस समारोह पड़ाव स्थल पर ही मनाया जाएगा। किसानों की प्रमुख मांग नर्मदा नहर परियोजना से चारों जिलों के किसानों को लाभ दिलाने की भी है।
राज्य के पाली, सिरोही, बाड़मेर और जालोर जिलों के हजारों किसान सरकार के खिलाफ महापड़ाव डाले बैठे हैं। प्रशासन से मांगों को लेकर किसानों की लगातार वार्ता चल रही है। वार्ता के कई दौर होने के बावजूद मांगों पर किसी तरह की सहमति नहीं बनने से अब प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन की चिंता इससे भी बढ़ गई है कि गणतंत्र दिवस पर भी किसानों का महापड़ाव जारी रहता है तो इसे सरकार उसकी विफलता मानेंगी। किसानों के इस महापड़ाव पर संभागीय आयुक्त समेत चारों जिलों के कलेक्टरों की निगाहें भी लगी हुई है।
प्रशासन ने मांगों से जुडे विभिन्न विभागों के आला अफसरों को जालोर बुलवा रखा है। इनमें सिंचाई के साथ ही बिजली महकमे के अधिकारी भी शामिल हैं। किसान संघर्ष समिति ने प्रशासन को साफ कह दिया है कि उनकी मांगों का जल्द हल नहीं निकाला गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इसके साथ ही किसानों ने महापड़ाव स्थल पर ही गणतंत्र दिवस समारोह मनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। किसानों की संघर्ष समिति के अध्यक्ष हीरालाल ने बताया कि जालोर, बाड़मेर, सिरोही और पाली जिलों को माही परियोजना से सिंचाई के लिए पानी दिलवाया जाए। किसानों के लंबित कृषि कनेक्शनों को फौरन दिलाया जाए। इसके साथ ही बढ़ी हुई बिजली दरों को वापस लिया जाए। किसानों की 22 सूत्री मांग है।
इन पर जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती कमसा की मौजूदगी में किसानों के प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच वार्ता भी हुई है। किसानों का कहना है कि जब तक मांगों पर लिखित समझौता नहीं होगा तब तक उनका धरना जारी रहेगा। जालोर जिला मुख्यालय पर किसानों के इस बेमियादी महापड़ाव से जयपुर में राज्य प्रशासन भी सकते में आ गया है।
प्रदेश के आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने जिला प्रशासन को किसानों की समझाने का निर्देश भी दिया है। जालोर जैसे छोटे शहर में महापड़ाव के कारण किसानों के रेले के रेले देखे जा रहे है। शहर के नागरिक भी सकते में हैं। किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कडेÞ इंतजाम करते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात कर दिया है। धरने पर किसान अपने साथ राशन पानी भी लेकर आए हैं। जयपुर से भी अफसरों का एक दल जालोर पहुंच गया है और किसानों के साथ वार्ता के दौर चल रहे हैं।
