राजस्थान में सत्तारुढ़ कांग्रेस और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सुलह की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट के खिलाफ FIR दर्ज कराने का प्लान बना रहे हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत कैंप के सूत्रों का कहना है कि पायलट गुट के मुख्य लोगों पर जल्द ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
गहलोत सरकार पायलट के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज़ कराएगी। एफ़आईआर मानेसर गए कुछ विधायकों के परिवारवालों की शिकायत के आधार पर दर्ज किया जाएगा। विधायकों के परिवारवालों का आरोप है कि सचिन पायलट गुट ने जबरदस्ती विधायकों को रोका है और उन्हें उनसे मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि एफआईआर के जरिए विधायकों पर वापसी का दबाव बनाया जाएगा।
इसके अलावा विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट और उनके समर्थन वाले विधायकों को अयोग्य करार देते हुए नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को पायलट ने राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी है। मंगलवार को दूसरी सीएलपी बैठक में शामिल नहीं होने पर सचिन पायलट और उनके विधायकों के खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी।
नोटिस पर सचिन पायलट गुट का कहना है कि हमने व्हिप का उल्लंघन नहीं किया है। व्हिप उस समय लागू होता है, जब विधानसभा सत्र चल रहा हो। इस समय विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में व्हिप का कोई मतलब नहीं है।
यह नोटिस सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है।