जोधपुर में आतंकवादियों की बैठकें करवाने वाले सिमी एजंट इमरान को राजस्थान एटीएस ने भीलवाड़ा में धर दबोचा है। एटीएस ने उसे रिमांड पर लेकर जयपुर में पूछताछ शुरू कर दी है। पकड़ा गया इमरान भीलवाड़ा में एक निजी शिक्षण संस्थान में लंबे समय से कंम्पयूटर ऑपरेटर के पद पर काम कर रहा था। एटीएस सूत्रों का कहना है कि इमरान पर गुजरात बम धमाकों से पहले 2008 में आइएम आतंकी साजिद मंसूरी के लिए जोधपुर में एक मीटिंग कराने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि इमरान ने पूछताछ में माना है कि वो सिमी में सक्रिय रहा है और उसने जोधपुर और कोटा में कुछ युवकों को चंगुल में फंसाया था।
इसके बाद उन्हें आतंकवाद की ट्रेनिंग के लिए गुजरात भेजने का काम भी करता था। एटीएस ने कुछ दिन पहले सिमी के एक अन्य एजंट मोहम्मद सुवैल को गिरफतार किया था। उसी से पूछताछ में सामने आया था कि आतंककारी साजिद मंसूरी जोधपुर आया था और इमरान के साथ उसने जोधपुर में बैठक की थी।
मंसूरी युवाओं का ब्रेन बास करने का काम करता था। यह मीटिंग गुजरात बम धमाकों से पहले हुई थी। सुवैल को चार मई को गिरफतार किया गया था। सुवैल के बाद ही अब इमरान को पकडने में एटीएस को कामयाबी मिली है।
राजस्थान एटीएस का मानना है कि प्रदेश में सिमी का स्लीपर सेल फिर से सक्रिय हो रहा है। प्रदेश के दो शहरों के स्थानीय दो युवकों के सिमी के लिए सक्रिय तौर पर काम करने की पुख्ता जानकारी के बाद एटीएस अब गंभीरता से इस नेटवर्क को तोड़ने में लग गई है। अदालत ने इमरान को बुधवार तक के लिए रिमांड पर सौंप दिया है।
रिमांड के बाद एटीएस उससे जयपुर में सख्ती से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क को खंगालने में लग गई है। प्रदेश की एटीएस ने करीब दो साल पहले भी कई शहरों से करीब डेढ़ दर्जन ऐसे युवकों को दबोचा था जो सिमी के स्लीपर सेल के लिए काम कर रहे थे। एटीएस सोशल साइट्स पर भी कड़ी निगाहें रखे हुए है। उसका मानना है कि इसके जरिए ही प्रदेश के युवकों को गुमराह कर सिमी से जोड़ा जा रहा है।