राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं के साथ कथित अत्याचार के मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) से कराने की सिफारिश की है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मंगलवार (5 अप्रैल) को यहां राजधानी रायपुर में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह अनुशंसा की। बैठक के बाद उरांव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने बीजापुर में सुरक्षा बलों द्वारा आदिवासी महिलाओं के साथ कथित अत्याचार मामले की जांच सीआईडी से करवाने अनुशंसा की है। बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों पर आदिवासी महिलाओं के साथ अत्याचार करने के आरोप के बाद आयोग ने बीजापुर जिले का दौरा किया है।

बीजापुर जिले की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष 19-20 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने बासागुड़ा विकासखंड क्षेत्र के पेद्दागेलूर, चिन्नागेलूर और पेगड़ापल्ली गांव में धावा बोलकर उनके साथ मारपीट की है तथा कुछ महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि बीजापुर जिले के दौरे के दौरान उन्होंने उन सात महिलाओं से भी मुलाकात की जिन्होंने स्वयं के साथ बलात्कार होने की पुष्टि की है। वहीं महिलाओं का मेडिकल रिपोर्ट भी देखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के पीठ और पैर में चोट के निशान हैं तथा उन्हें पीटा गया है।

एक प्रश्न के उत्तर में उरांव ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में महिलाओं के साथ बलात्कार होने की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन पीड़ित महिलाओं ने कहा है कि उनके साथ बलात्कार किया गया है। अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग चाहता है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो। आदिवासी महिलाओं के साथ अत्याचार करने का आरोप जिला पुलिस के नेतृत्व में अभियान पर निकले पुलिस दल पर लगा है। ऐसे में जिला पुलिस से जांच होने पर निष्पक्ष परिणाम आना मुश्किल है। इसलिए आयोग ने महसूस किया है कि घटना की जांच सीआईडी से करवाई जाए।

उरांव ने कहा कि बैठक में आयोग ने इस मामले की सीआईडी से जांच करवाने की अनुशंसा राज्य शासन से की है। वहीं अधिकारियों ने भी इस संबंध में आश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि बैठक में पीड़ित महिलाओं को राहत पहुंचाने के संबंध में भी विचार किया गया। वहीं ऐसी घटनाओं की पुर्नावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा बल के अभियानों के दौरान महिला पुलिस कर्मियों को भी शामिल किए जाने के संबंध में भी विचार किया गया।

साथ ही यह भी विचार किया गया है कि अभियान के दौरान सुरक्षा बल गांव के बाहर ही रहें, क्योंकि बीजापुर की घटना की जांच में पाया गया है कि सुरक्षा बल गांव के भीतर रुके थे। अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने सलाह दी है कि जब भी सुरक्षा बल अभियान में निकले तब उनके साथ पर्याप्त संख्या में वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारी भी साथ हो, जिससे बल में अनुशासन और नियंत्रण बना रहे। बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एनके असवाल, गृह विभाग के प्रमुख सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम समेत