राधे मां को धोखाधड़ी और दहेज प्रताड़ना के मामले में मुंबई पुलिस ने क्लीन चिट दी है। बोरिवली मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की गई चार्जशीट में सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां का नाम शामिल नहीं हैं। कांदिवली पुलिस की ओर से दायर चार्जशीट में आरोप लगाने वाली महिला के पति और ससुराल पक्ष के लोगों समेत छह को आरोप बनाया गया है। एफआईआर में राधे मां का नाम शामिल था और केवल उन्हीं के नाम को चार्जशीट से हटाया गया है। कांदिवली थाने के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर मुकुंद पवार ने बताया कि चार्जशीट 10 दिन पहले दाखिल की गई थी।
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पवार ने बताया, ”हमें सुखविंदर कौर के खिलाफ सबूत नहीं मिले इसलिए उनका नाम आरोपियों में नहीं है। हमने शिकायतकर्ता के पति, सास-ससुर और कुछ रिश्तेदारों को आरोप बनाया है।” शिकायतकर्ता निक्की गुप्ता के वकील क्षितिज मेहता ने बताया, ”चार्जशीट में महिला के पति, सास-ससुर के नाम हैं। उन पर धारा 420(धोखाधड़ी), 498(ए)(दहेज प्रताड़ना), 406(आपराधिक रूप से भरोसा तोड़ना) और 323(स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।”
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घटना पिछले साल जुलाई की है। निक्की ने कांदिवली थाने में शिकायत दर्ज करा आरोप लगाया था कि उसके पति और सास-ससुर उसे दहेज के लिए प्रताडि़त कर रहे हैं। उनका कहना था कि सुखविंदर कौर(राधे मां) के कहने पर वे उसे प्रताडि़त कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने राधे मां समेत सात लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी। साथ ही राधे मां का बयान भी दर्ज किया था।

