पंजाब चुनावों के लिए जमकर प्रचार कर रही आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य यामिनी गोमर ने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। गोमर ने AAP को एंटी-पंजाबी और एंटी-दलित बताया और कहा कि इसके वरिष्ठ नेता ”सबसे चालाक” हैं। गोमर ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों के कई टिकट ‘भ्रष्ट, अपराधियों और चरित्रहीन’ लोगों को बेच दिए गए हैं। गोमर के साथ दो और AAP नेताओं ने भी ऐसे ही आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए गोमर ने वरिष्ठ AAP नेता संजय सिंह और दुर्गेश पाठक पर पार्टी को निजी कंपनी की तरह चलाने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ”दिल्ली के AAP नेताओं ने पार्टी की पंजाब इकाई पर कब्जा कर लिया है और वे जानते हैं कि लोगों को बेवकूफ कैसे बनाना है।” गोमर ने कहा कि चुनावों के नाम पर पार्टी ने पंजाब के आधे लोगों को टिकट का झूठा वादा करके पहले ही लूट लिया है।
मीडिया से बात करते हुए गोमर भावुक नजर आईं। उन्होंने कहा, ”मैं पिछले दो महीनों से AAP नेताओं संजय सिंह और दुर्गेश पाठक से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वे मेरा फोन नहीं उठा रहे थे। क्यों, ये तो वहीं जानें” दलित समुदाय से आने वाली गोमर ने कहा कि AAP ने दलितों से वादे तो बड़े-बड़े किए हैं कि सत्ता में आने पर दलित को डिप्टी सीएम बनाएंगे, लेकिन पार्टी खुद ‘एंटी-दलित, एंटी-पंजाबी और एंटी-सिख है।”
गोमर ने कहा, ”केजरीवाल (अरविंद) भ्रष्टाचार मुक्त समाज का सपना बेचते रहे हैं मगर टिकट बेच रहे हैं। जब कोई व्यक्ति पार्टी टिकट पाने के लिए भारीभरकम रकम खर्च करता है तो उससे ईमानदारी की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” गोमर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में AAP टिकट पर होशियारपुर से चुनाव लड़ा था और दो लाख से ज्यादा वोट जीते थे।
गोमर के अलावा गुरुदासपुर से बलजीत सिंह और पंजाब की यूथ-विंग के उपाध्यक्ष एलआर नैय्यर ने भी पार्टी छोड़ दी है। इस संबंध में AAP के राज्य संयोजक गुरप्रीत सिंह से बात करने की कोशिश की गई, मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका।

