पटियाला (ग्रामीण) से आम आदमी पार्टी के विधायक डॉ. बलबीर सिंह को तीन साल की जेल की सजा हुई है। 11 साल पुराने एक मामले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि इंदर सिंह ने उन्हें ये सजा सुनाई है। उनके साथ उनकी पत्नी और बेटे के अलावा एक अन्य शख्स को भी तीन साल की सश्रम कारावास की सजा हुई है। हालांकि, अदालत ने मौके पर ही सभी को जमानत भी दे दी।

शिकायतकर्ता परमजीत कौर के मुताबिक, डॉ बलबीर सिंह उसकी सबसे छोटी बहन रूपिंदर कौर के पति हैं। उन्होंने बताया कि परमजीत के पिता अनूप सिंह ने 1984 में अपनी 109 बीघा जमीन का बंटवारा किया था, जो उन्होंने तीन बेटियों, अपनी बीवी और खुद के बीच बांट दी थी। परमजीत कौर का आरोप है कि उन्हें चमकौर साहिब के पास टप्परियां डायल सिंह बे चरग गांव में संभाग से 22 बीघा जमीन मिली थी, जिसे डॉ बलबीर सिंह ने हड़प लिया था।

हालांकि, बाद में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें ये जमीन बहाल भी कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद 13 जून, 2011 को डॉ. बलबीर सिंह की तरफ से परमजीत और उसके पति पर हमला किया गया, जिसमें उनकी छोटी बहन रूपिंदर कौर, बलबीर सिंह का बेटा राहुल सैनी और एक अन्य शख्स भी शामिल था। इस शख्स की पहचान परमिंदर सिंह के रूप में हुई है।

जिस वक्त यह हमला हुआ, उस वक्त परमजीत कौर अपने पति विंग कमांडर मेवा सिंह (सेवानिवृत्त) के साथ खेतों की सिंचाई करने के लिए गांव में थीं। परमजीत के मुताबिक, इस हमले में उनके पति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 324, 325, 506, 148 और 149 के तहत मामला दर्ज किया गया।

परमजीत कौर ने आगे आरोप लगाया कि डॉ. बलबीर सिंह ने भी उन्हें अगले दिन 14 जून को मारपीट के झूठे मामले में फंसाया। परमजीत कौर के एक वकील भूपिंदर सिंह राजा ने कहा कि परमजीत और उनके पति मेवा सिंह को उनके खिलाफ दर्ज इस झूठे मामले में बरी कर दिया गया है।